तुमको भूल न पायेंगे भले ही खुद से दूर हो जायेंगे। तुम गर साथ नहीं दोगे तो तुम बिन जी न पायेंगे मरने को मजबूर हो जायेंगें। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। शैल.
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