फूल रस्मों की खातिर नहीं लाइये
फूल खिल जाएंगे, बस आप आ जाइये...
आईना भी फ़िदा हो न जाए कहीँ
सामने आईने के आप नहीं जाइये...
फूल खिल जाएंगे, बस आप आ जाइये
फूल रस्मों की खातिर नहीं लाइये...
हम है दिवाने सच्चे करेंगे यकीन
चाहे झूठे कसम रोज़ ही खाइये...
फूल खिल जाएंगे, बस आप आ जाइये
फूल रस्मों की खातिर नहीं लाइये...
दिन है सावन के और हम है, प्यासे बहुत
चाहने वाले को यूँ न तरसाये...
फूल खिल जाएंगे, बस आप आ जाइये
फूल रस्मों को खातिर नहीं लाइये...
जा उठे पत्थरों में धड़कन जवाँ
आ के छम से यूँ, दिलों पर छा जाइये...
फूल खिल जाएंगे, बस आप आ जाइये
फूल रस्मों की खातिर नहीं लाइये...
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