हम पंछी इक डाल के खेलेंकूदें संग, प्रेम की भाषा बोलते यही हमारा ढंग। कैद में रहना हमें न भाए उड़ना है स्वभाव, उड़ कर ही परवाज़ को मिले अतीव उमंग ।। #हम सब पंछी#नो.
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