आज भी गुज़रे वक्त को याद करता हूँ इस वक्त आने वालें कल का फरियाद करता हूँ मैं नाचीज़ ! कमीना इतना बड़ा हूँ ना कि नफरतों से ही चाहत हर मर्तबा बेशुमार करता हूँ !.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here