No Smoking Day
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 वैसे तुम्हारें जाने के बाद, कुछ मुलाक़ाते.
मेरी भी किसी से हुई "जैसे
सिगरेट, और शराब,

©विपिन सेवक "

💔

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#कविता #thebrokenlover #smokingshayari #shayarbaaz #mknd_ssts #smoker  मौत का सामान लेकर जा रहा है
जेब में वो अपनी मोहब्बत लेकर जा रहा है 

सिगरेट, 
पीने का शौक नहीं 
मगर पीता हूँ 

मुझे, 
मरने का शौक नहीं 
मगर हर रोज़ थोड़ा थोड़ा मरता हूँ 

क्या करूँ, 
साहब लत है 
उनसे मोहब्बत में मिली है 

कभी, 
वो मोहब्बत थीं 
अब ये मोहब्बत है...

©Banarasiya

उनसे बिछड़ने के बाद...मुँह से... या तो शायरी निकली या तो धुआं निकला..! #smoker #smokingshayari #shayarbaaz #mknd_ssts #thebrokenlover

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जिसे बरसो पहले छोड़ दिया था।। अब फिर से उसी मेखाने की याद आ रही है।। लगता है,फिर से मोहब्बत मे धोखा खा गया हूँ।। कहते है,शराब सिकरेट जहर है,मत छुओ क्या करु,जहर ही आखिरी वक्त पे, सहारा बनता है। इसे केसे ना पिऽऊ।। ©Hari Udaas

#शायरी #No_Smoking_Day  जिसे बरसो पहले छोड़ दिया था।।
अब फिर से उसी 
मेखाने की याद आ रही है।।
लगता है,फिर से मोहब्बत मे धोखा खा गया हूँ।।
कहते है,शराब सिकरेट जहर है,मत छुओ

क्या करु,जहर ही आखिरी वक्त पे,
सहारा बनता है।
इसे केसे ना पिऽऊ।।

©Hari Udaas

शौक...नशा....कैंसर...मौत तू जो सिगरेट पी रहा है? भीतर धुएं में, जी रहा है? चुपके कैंसर, पांव पसारे, आमंत्रण! तू दे रहा है।। गुटखा, शराब, बीड़ी, सिगरेट, पीयो मत, प्यारे नर नारी, जहर में डुबा रहे क्यों आंतें, सड़ा रहे अंगों की क्यारी ।। शुरू में दिन की एक सुलगती, पता न चलता, हो गई चार, चुपके जेब में आ गई डिब्बी, जमा के तुझ पर निज अधिकार।। तेरी दशा पे हंसता कैंसर! तिल–तिल भीतर, तुझे मारता, ’स्वतंत्र’ ’कैदी’, बना तेरा मन, बरबादी की राह चलाता।। लड़का क्या लड़की, सब बहके नशे में डूबे, धुवें में दहके, लुटा स्वास्थ्य, सम्मान गिराया, वंश भी आगे, रोगी आया।। अपने मन को करो संयमित, छोड़...नशे की राह अनियंत्रित, जटिल ’काल’ है तेरे पीछे, ’मृत्यु’ भी जिसके भय से भयभीत।। ©Tara Chandra

#कविता #smokingkills  शौक...नशा....कैंसर...मौत 

तू जो सिगरेट पी रहा है?
भीतर धुएं में, जी रहा है?
चुपके कैंसर, पांव पसारे,
आमंत्रण! तू दे रहा है।। 

गुटखा, शराब, बीड़ी, सिगरेट,
पीयो मत, प्यारे नर नारी,
जहर में डुबा रहे क्यों आंतें,
सड़ा रहे अंगों की क्यारी ।। 

शुरू में दिन की एक सुलगती,
पता न चलता, हो गई चार,
चुपके जेब में आ गई डिब्बी,
जमा के तुझ पर निज अधिकार।। 

तेरी दशा पे हंसता कैंसर! 
तिल–तिल भीतर, तुझे मारता,
’स्वतंत्र’ ’कैदी’, बना तेरा मन,
बरबादी की राह चलाता।। 

लड़का क्या लड़की, सब बहके
नशे में डूबे, धुवें में दहके,
लुटा स्वास्थ्य, सम्मान गिराया,
वंश भी आगे, रोगी आया।।


अपने मन को करो संयमित,
छोड़...नशे की राह अनियंत्रित,
जटिल ’काल’ है तेरे पीछे,
’मृत्यु’ भी जिसके भय से भयभीत।।

©Tara Chandra

माही माही सिगरेट का शौक़ लगा है तुम्हारे लिए तुम एक बार आके बोल दो न की छोड़ दो मेरे लिए ©नासिर काज़मी

#शायरी #No_Smoking_Day  माही

माही सिगरेट का शौक़ लगा है तुम्हारे लिए
 
तुम एक बार आके बोल दो न की छोड़ दो मेरे लिए

©नासिर काज़मी

Everyone tries to do something different but it takes some habits to be different, habits forming or quitting is the hardest thing to do, if you can't change your habits you can't get out of this crowd, your small change become a big change.. © Abhi Yadav

#No_Smoking_Day #Quotes  Everyone tries to do something different but it takes some habits to be different, habits forming or quitting is the hardest thing to do, if you can't change your habits you can't get out of this crowd, your small change become a big change..

© Abhi Yadav

habits#✍✍ #No_Smoking_Day

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