क्यों ?
पेड़ कहां जा रहे हैं,
पंछी पहले पहले जैसे कहां गा रहे हैं ,
बादल बारिश के मौसम को छोड़कर ,
गर्मी के मौसम में क्यों छा रहे हैं ,
सात समुंदर बड़ी बड़ी नदियां होने के बावजूद
गांव गांव पानी की कमी से लोग क्यों मर रहे हैं ,
पानी के लिए लोग क्यों लड़ रहे हैं,
मंडी में सब्जियों के दाम क्यों बढ़ रहे हैं
.....क्यों ?
जंगलों को मिटाकर शहरों की तादाद क्यों बढ़ रही हैं ,
जंगली जीवो की जान आफत में क्यों पड़ गई है ,
Global warming, प्रदूषण यह चीजें क्यों बढ़ रही हैं
"जरा पूछो अपने आप से
जरा पूछो अपने आप से "
प्रदूषण क्यों बन रहा है शहरों का आभूषण
नदियों का हाल क्यों हो रहा है बेहाल,
इंसान तो सारे यहां कमाना चाहते हैं माल ,
यहां क्यों हो रहे हैं कम उम्र में लड़कों के सफेद बाल ,
क्यों....?
क्यों नदियों में अब पहले जैसी मछलियां नहीं गंदगी
है हमारे यहां तैरती,
बोरवेल के कितने झटके सह रही है आज यह धरती ,
इंसान की फितरत क्यों बदल रही है,
उसे अपने स्वार्थ के सिवा ना कोई चीज आज दिख रही है ,
क्यों ....?
सारे सवालों के जवाब है हमारे पास ,
अब धरती को भी नहीं रही होगी हमसे कुछ आस ,
अरे उसके पास जो कुछ था उसने वह दे दिया ना तुमको,
बुद्धिमानी कल आते हो ना खुद को,
धरती को बचाने की करते हैं सब बातें यहां...
पर यह बातें बातें ही रह जाएगी पृथ्वी पृथ्वी ना रह पाएगी ,
फिर यह भगवान की अनमोल देन पृथ्वी नष्ट हो जाएगी !
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