हां, मुझे फर्क नहीं पड़ता तुम्हारे जानें से,
क्योंकि तुम मेरे साथ रहकर भी,
मेरे साथ नहीं थे,
पास तो मेरे थे तुम,
मगर तुम्हारे खयालों में कोई और था,
हां, अच्छा हुआ तुम चले गए,
मुझे तुमसे कोई शिकायत भी नहीं हैं,
क्योंकि दुनियां का रिवाज़ हैं,
मिलना और बिछड़ना,
बस फर्क सिर्फ़ इतना हैं,
की उन लोगों में कुछ अच्छे तो कुछ बुरे भी होते हैं,
कुछ खुशी तो, कुछ हमें ज़िंदगी भर की तकलीफ़ दे जाते हैं,
हां, तुम्हारे जानें से मुझे दुःख हुआ,
मगर कोई अफ़सोस नहीं....
©piki
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