वो रहगुजर मेरा रहब्सर ना बन सका तो क्या?
वो आज भी रहबर है मेरा, दिलदार ना बन सका तो क्या?
वो अब भी यार है मेरा दिलदार ना बन सका तो क्या?
वो रहबर-ए-कामिल मेरा हमनफस ना बन
सका तो क्या?
वो रहजन मेरी निगाहों का,
नफ़्स-दो-नफ़्स ना बन सका तो क्या?
वो रहगुजर मेरा.....।।।।
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here