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New जिसमें रस न हो Status, Photo, Video

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White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 

बस्ती हो और मकान न हो।
महफिल हो और शराब न हो।

तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा,
फिर भी तेरा दीदार न हो।

तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल,
वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो।
तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो,
तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो।

हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा,
तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो।

तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे,
तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो।
तू ही राहत, तू ही सुकून,
तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो।

महफिल हो और शराब न हो,
तेरा चर्चा रहे  
बस तेरा दीदार न हो।

©Navneet Thakur

बस्ती हो और कोई मकान न हो#

10 Love

White किसी को भी भाते नहीं, तीखे कड़वे बोल। सम्बन्धों को ठीक नहीं, स्वार्थ में डूबे बोल।। पछताये कुछ बोल के, समझै न जो मोल। मनमुटाव को खत्म करैं, रस में डूबे बोल।। ©Shiv Narayan Saxena

#Buddha_purnima  White किसी को भी  भाते नहीं, तीखे कड़वे बोल।
सम्बन्धों को ठीक नहीं, स्वार्थ में डूबे बोल।।

पछताये कुछ  बोल के, समझै न जो मोल।
मनमुटाव को खत्म करैं, रस में डूबे बोल।।

©Shiv Narayan Saxena

#Buddha_purnima रस में डूबे बोल.....

17 Love

संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो ©Shiv Narayan Saxena

#relaxation  संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो 
क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो
पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं
हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो

©Shiv Narayan Saxena

#relaxation बेटी क्यों न समझते हो?

17 Love

#वीडियो

काव्य रस बिखरने आएंगे अनामिका

117 View

#श्रंगार #कविता

#श्रंगार रस

288 View

#Quotes  White वो हर लड़ाई जीती जा सकती है जिसमें हारने वाला आपका अपना न हो।

©Vandana Rana

वो हर लड़ाई जीती जा सकती है जिसमें हारने वाला आपका अपना न हो।

81 View

White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 

बस्ती हो और मकान न हो।
महफिल हो और शराब न हो।

तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा,
फिर भी तेरा दीदार न हो।

तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल,
वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो।
तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो,
तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो।

हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा,
तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो।

तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे,
तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो।
तू ही राहत, तू ही सुकून,
तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो।

महफिल हो और शराब न हो,
तेरा चर्चा रहे  
बस तेरा दीदार न हो।

©Navneet Thakur

बस्ती हो और कोई मकान न हो#

10 Love

White किसी को भी भाते नहीं, तीखे कड़वे बोल। सम्बन्धों को ठीक नहीं, स्वार्थ में डूबे बोल।। पछताये कुछ बोल के, समझै न जो मोल। मनमुटाव को खत्म करैं, रस में डूबे बोल।। ©Shiv Narayan Saxena

#Buddha_purnima  White किसी को भी  भाते नहीं, तीखे कड़वे बोल।
सम्बन्धों को ठीक नहीं, स्वार्थ में डूबे बोल।।

पछताये कुछ  बोल के, समझै न जो मोल।
मनमुटाव को खत्म करैं, रस में डूबे बोल।।

©Shiv Narayan Saxena

#Buddha_purnima रस में डूबे बोल.....

17 Love

संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो ©Shiv Narayan Saxena

#relaxation  संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो 
क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो
पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं
हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो

©Shiv Narayan Saxena

#relaxation बेटी क्यों न समझते हो?

17 Love

#वीडियो

काव्य रस बिखरने आएंगे अनामिका

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#श्रंगार #कविता

#श्रंगार रस

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#Quotes  White वो हर लड़ाई जीती जा सकती है जिसमें हारने वाला आपका अपना न हो।

©Vandana Rana

वो हर लड़ाई जीती जा सकती है जिसमें हारने वाला आपका अपना न हो।

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