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New वसुधैव कुटुम्बकम श्लोक इन संस्कृत Status, Photo, Video

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#NojotoPromptWriting #कोट्स #nojotohindi  "1. **यथा वा वदति सदा तद्वदन्तु तत्त्वदर्शिनः।**
   - "जैसा कोई कहता है, वैसा ही सदैव सच को कहो।"

2. **कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।**
   - "आपका अधिकार केवल कार्य पर है, फलों पर नहीं।"

3. **सर्वधर्मान्परतित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।**
   - "सभी धर्मों का त्याग करके केवल मेरी शरण में आओ।"

4. **वक्तव्यं न हि नष्टं न चान्यस्य समृद्धि।**
   - "किसी के अपमान के लिए शब्दों का अनर्थ नहीं होना चाहिए।"

5. **आगमोऽपि सदा शान्ति यस्तु संकल्पयेत् सदा।**
   - "जो संकल्प करता है, वह सदा शांति प्राप्त करता है।"

6. **विद्या ददाति विनयं विनयाद्यति पात्रताम्।**
   - "ज्ञान विनय को देता है, विनय से पात्रता प्राप्त होती है।"

7. **सत्यं वद धर्मं चर।**
   - "सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।"

8. **दृष्ट्वा वा ज्ञात्वा वा परार्थं त्यजेत् स्वार्थम्।**
   - "दृष्टि से या ज्ञान से, स्वार्थ का त्याग कर देना चाहिए।"

©Jitendra Giri Hindu

"संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स

135 View

White नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप । एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥ हे परंतप! मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है, मैंने अपनी विभूतियों का यह विस्तार तो तेरे लिए एकदेश से अर्थात्‌ संक्षेप से कहा है॥ ©TeacherShailesh

#Bhakti  White नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप ।
एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥

हे परंतप! मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है, मैंने अपनी विभूतियों का यह विस्तार तो तेरे लिए एकदेश से अर्थात्‌ संक्षेप से कहा है॥

©TeacherShailesh

श्रीमदभागवत गीता अध्याय 10 श्लोक 40

15 Love

#संस्कृत #विचार #wellwisher_taru #Trending

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक जीवन की यात्रा भाव वास्तविक विधा विचार #Nojoto #Trending #Poetry #संस्कृत #wellwisher_t

207 View

#teachershailesh #geetagyan #Bhakti

श्रीमदभागवत गीता अध्याय 9 श्लोक 32 #geetagyan #teachershailesh

162 View

#NojotoPromptWriting #कोट्स #nojotohindi  "1. **यथा वा वदति सदा तद्वदन्तु तत्त्वदर्शिनः।**
   - "जैसा कोई कहता है, वैसा ही सदैव सच को कहो।"

2. **कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।**
   - "आपका अधिकार केवल कार्य पर है, फलों पर नहीं।"

3. **सर्वधर्मान्परतित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।**
   - "सभी धर्मों का त्याग करके केवल मेरी शरण में आओ।"

4. **वक्तव्यं न हि नष्टं न चान्यस्य समृद्धि।**
   - "किसी के अपमान के लिए शब्दों का अनर्थ नहीं होना चाहिए।"

5. **आगमोऽपि सदा शान्ति यस्तु संकल्पयेत् सदा।**
   - "जो संकल्प करता है, वह सदा शांति प्राप्त करता है।"

6. **विद्या ददाति विनयं विनयाद्यति पात्रताम्।**
   - "ज्ञान विनय को देता है, विनय से पात्रता प्राप्त होती है।"

7. **सत्यं वद धर्मं चर।**
   - "सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।"

8. **दृष्ट्वा वा ज्ञात्वा वा परार्थं त्यजेत् स्वार्थम्।**
   - "दृष्टि से या ज्ञान से, स्वार्थ का त्याग कर देना चाहिए।"

©Jitendra Giri Hindu

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White नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप । एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥ हे परंतप! मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है, मैंने अपनी विभूतियों का यह विस्तार तो तेरे लिए एकदेश से अर्थात्‌ संक्षेप से कहा है॥ ©TeacherShailesh

#Bhakti  White नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप ।
एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥

हे परंतप! मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है, मैंने अपनी विभूतियों का यह विस्तार तो तेरे लिए एकदेश से अर्थात्‌ संक्षेप से कहा है॥

©TeacherShailesh

श्रीमदभागवत गीता अध्याय 10 श्लोक 40

15 Love

#संस्कृत #विचार #wellwisher_taru #Trending

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक जीवन की यात्रा भाव वास्तविक विधा विचार #Nojoto #Trending #Poetry #संस्कृत #wellwisher_t

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श्रीमदभागवत गीता अध्याय 9 श्लोक 32 #geetagyan #teachershailesh

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