White
ज़िन्दगी गमों अफ़साना हैं , फ़िर भी यह दिल दर्द से अनजाना हैं
कब आ जाए मौत किस को , यह ज़िंदा रहते हुए किसने जाना हैं
रोज़ सौदा होता हैं मोहब्बत का हमारी खुशियों से
छुपा कर अपने दर्द ज़माने से , हमको रोज़ मुस्कराना हैं
शयाद कोई क़र्ज़ बाक़ी हैं , जो आज भी चुकाना हैं
खुद से किया हुआ वादा अपनों के लिए निभाना हैं
सोचा था काटेंगे कुछ पल सुकून के उनकी मोहब्बत में
पर आज कल लोगों के दिलों में भी अपना सम्मान कमाना हैं
रोज़ लिखता हूँ अपने जज़्बात एक ही उम्मीद में
ना जाने कौन लिखा हैं किसके नसीब में
रोते हैं मेरे अल्फाज़ आज भी उनकी यादों में
फ़िर भी दुनिया वालों को हर दिन अपने हुनर से हँसाना हैं
उम्र भर कोई साथ नहीं चलता
यह सूरज भी अँधेरी रात के बाद हैं निकलता
मैं भी मामूली इंसान हूँ , आपके जैसे बस पल दो पल का मेहमान हूँ
चीर कर अपनी छाती को , दुनिया वालों को यह बताना हैं
यह दिल का कमरा किसके लिए सज़ाना हैं
पा कर शोहरत एक दिन ज़माने से रूठ जाना हैं
सबको मिलती सिर्फ़ दो गज़ ज़मीन मरने के बाद
उससे ज़्यादा एक इंसान ने अपने जीवन में क्या पाना हैं
💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
©Sethi Ji
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here