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#कोई_क्या_जाने #मनुष्य #कोट्स #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #जीवन  White कोई नहीं था  ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई नहीं है 
जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है 

कोई तुमको क्या बतलाए
कोई तुमको क्या जतलाए

भोग रहा है कोई क्या क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई तुमको कैसे/ क्या दिखलाए

कोई कितना टूट चुका है 
कोई कितना लुट चुका है 
डूब चुका है कोई कितना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तुमको कोई क्या दिखलाए 

कोई रोता है कोई हंसता है 
कोई पाता है कोई खोता है 

धन दौलत की बात नहीं है 
मनुष्य की हर जात बुरी है 

कोई नहीं है अपना नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, यहां नहीं है कहीं नहीं है 
,,,,,,,,,,,, २  ,,,,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#कोई_क्या_जाने #कोई नहीं था ,,,कोई नहीं है #जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है कोई तुमको क्या बतलाए कोई तुमको क्या जतलाए #भोग रहा है कोई क्या क्

90 View

कोई तो है जो सुन लेता है, सीप से मोती चुन लेता है, बेशक वो इन्कार न करता, मन ही मन में गुन लेता है, अपनी ही शर्तों पर चलकर, ख़ुद कपास को धुन लेता है, जीत गया जीवन की बाजी, खेत में भुट्टा भुन लेता है, भाग्य भरोसे नहीं बैठकर, फटी चादरें बुन लेता है, कठिनाई में बनकर रहबर, देकर दुआ सगुन लेता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कोई  कोई तो है जो सुन लेता है,
सीप से मोती  चुन लेता है,

बेशक वो इन्कार न करता,
मन ही मन में  गुन लेता है,

अपनी ही शर्तों पर चलकर,
ख़ुद कपास को धुन लेता है,

जीत गया जीवन की बाजी,
खेत में  भुट्टा  भुन  लेता है,

भाग्य  भरोसे नहीं बैठकर,
फटी  चादरें   बुन  लेता है,

कठिनाई में बनकर रहबर,
देकर दुआ  सगुन  लेता है,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कोई तो है जो#

11 Love

White सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़-ए-रिज़वाँ का वो इक गुल-दस्ता है हम बे-ख़ुदों के ताक़-ए-निस्याँ का दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है ©Bhupendra Ganjam

#nojotohindi #sad_quotes #Quotes #vairl  White सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़-ए-रिज़वाँ का
वो इक गुल-दस्ता है हम बे-ख़ुदों के ताक़-ए-निस्याँ का
दरीचा बे-सदा कोई नहीं है
अगरचे बोलता कोई नहीं है

©Bhupendra Ganjam

दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है #nojoto #nojotohindi #sad_quotes #vairl

11 Love

उसे कोई कहा समझता है......?

42,750 View

कोई नई बात नहीं है। जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तुम मुझे अकेला कर देते हो, ये कोई नई बात नहीं है। तुम्हारी खुशियों के आगे मैं हर बार हार जाती हूँ, ये कोई नई बात नहीं है, जब भी मुझे लगता है, कि हमारे बीच अब सबकुछ सही है, तुम मुझे गलत ठहरा देते हो, कोई नई बात नहीं है, मुझे बातें नहीं करनी शेयर, बस कुछ पल को रो लेने का मन है तुम्हारे सामने, सब कुछ ठीक है और ठीक हो जाएगा ये कहकर मुझे अकेला छोड़ देना कोई नई बात नहीं है।। ©Kiran Chaudhary

 कोई नई बात नहीं है।
जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है,
तुम मुझे अकेला कर देते हो,
ये कोई नई बात नहीं है।
तुम्हारी खुशियों के आगे
मैं हर बार हार जाती हूँ,
ये कोई नई बात नहीं है,
जब भी मुझे लगता है,
कि हमारे बीच अब सबकुछ सही है,
तुम मुझे गलत ठहरा देते हो,
कोई नई बात नहीं है,
मुझे बातें नहीं करनी शेयर,
बस कुछ पल को रो लेने का मन है 
तुम्हारे सामने,
सब कुछ ठीक है और ठीक हो जाएगा
ये कहकर मुझे अकेला छोड़ देना
कोई नई बात नहीं है।।

©Kiran Chaudhary

कोई नई बात नहीं है।।

17 Love

ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई  अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई  दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही  रिश्ते का फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई इस तरह चाहता अब है मुझको सारी दुनिया को बताता है कोई  सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर मुझको बेदाग़ बताता है कोई  हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल  जान ऐसे भी लुटाता है कोई अब तो रहता नशें में हूँ हरपल  ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई रात कटती न प्रखर करवट में  याद ऐसे  मुझे आता है कोई  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई 
अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई 
दिल की आवाज़ सुनाता है कोई ।
वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।।
नाम कोई भी नही  रिश्ते का
फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई
इस तरह चाहता अब है मुझको
सारी दुनिया को बताता है कोई 
सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर
मुझको बेदाग़ बताता है कोई 
हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल 
जान ऐसे भी लुटाता है कोई
अब तो रहता नशें में हूँ हरपल 
ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई
रात कटती न प्रखर करवट में 
याद ऐसे  मुझे आता है कोई 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई  अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई  दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही 

13 Love

#कोई_क्या_जाने #मनुष्य #कोट्स #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #जीवन  White कोई नहीं था  ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई नहीं है 
जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है 

कोई तुमको क्या बतलाए
कोई तुमको क्या जतलाए

भोग रहा है कोई क्या क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई तुमको कैसे/ क्या दिखलाए

कोई कितना टूट चुका है 
कोई कितना लुट चुका है 
डूब चुका है कोई कितना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तुमको कोई क्या दिखलाए 

कोई रोता है कोई हंसता है 
कोई पाता है कोई खोता है 

धन दौलत की बात नहीं है 
मनुष्य की हर जात बुरी है 

कोई नहीं है अपना नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, यहां नहीं है कहीं नहीं है 
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©Rakesh frnds4ever

#कोई_क्या_जाने #कोई नहीं था ,,,कोई नहीं है #जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है कोई तुमको क्या बतलाए कोई तुमको क्या जतलाए #भोग रहा है कोई क्या क्

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कोई तो है जो सुन लेता है, सीप से मोती चुन लेता है, बेशक वो इन्कार न करता, मन ही मन में गुन लेता है, अपनी ही शर्तों पर चलकर, ख़ुद कपास को धुन लेता है, जीत गया जीवन की बाजी, खेत में भुट्टा भुन लेता है, भाग्य भरोसे नहीं बैठकर, फटी चादरें बुन लेता है, कठिनाई में बनकर रहबर, देकर दुआ सगुन लेता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कोई  कोई तो है जो सुन लेता है,
सीप से मोती  चुन लेता है,

बेशक वो इन्कार न करता,
मन ही मन में  गुन लेता है,

अपनी ही शर्तों पर चलकर,
ख़ुद कपास को धुन लेता है,

जीत गया जीवन की बाजी,
खेत में  भुट्टा  भुन  लेता है,

भाग्य  भरोसे नहीं बैठकर,
फटी  चादरें   बुन  लेता है,

कठिनाई में बनकर रहबर,
देकर दुआ  सगुन  लेता है,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कोई तो है जो#

11 Love

White सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़-ए-रिज़वाँ का वो इक गुल-दस्ता है हम बे-ख़ुदों के ताक़-ए-निस्याँ का दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है ©Bhupendra Ganjam

#nojotohindi #sad_quotes #Quotes #vairl  White सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़-ए-रिज़वाँ का
वो इक गुल-दस्ता है हम बे-ख़ुदों के ताक़-ए-निस्याँ का
दरीचा बे-सदा कोई नहीं है
अगरचे बोलता कोई नहीं है

©Bhupendra Ganjam

दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है #nojoto #nojotohindi #sad_quotes #vairl

11 Love

उसे कोई कहा समझता है......?

42,750 View

कोई नई बात नहीं है। जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तुम मुझे अकेला कर देते हो, ये कोई नई बात नहीं है। तुम्हारी खुशियों के आगे मैं हर बार हार जाती हूँ, ये कोई नई बात नहीं है, जब भी मुझे लगता है, कि हमारे बीच अब सबकुछ सही है, तुम मुझे गलत ठहरा देते हो, कोई नई बात नहीं है, मुझे बातें नहीं करनी शेयर, बस कुछ पल को रो लेने का मन है तुम्हारे सामने, सब कुछ ठीक है और ठीक हो जाएगा ये कहकर मुझे अकेला छोड़ देना कोई नई बात नहीं है।। ©Kiran Chaudhary

 कोई नई बात नहीं है।
जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है,
तुम मुझे अकेला कर देते हो,
ये कोई नई बात नहीं है।
तुम्हारी खुशियों के आगे
मैं हर बार हार जाती हूँ,
ये कोई नई बात नहीं है,
जब भी मुझे लगता है,
कि हमारे बीच अब सबकुछ सही है,
तुम मुझे गलत ठहरा देते हो,
कोई नई बात नहीं है,
मुझे बातें नहीं करनी शेयर,
बस कुछ पल को रो लेने का मन है 
तुम्हारे सामने,
सब कुछ ठीक है और ठीक हो जाएगा
ये कहकर मुझे अकेला छोड़ देना
कोई नई बात नहीं है।।

©Kiran Chaudhary

कोई नई बात नहीं है।।

17 Love

ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई  अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई  दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही  रिश्ते का फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई इस तरह चाहता अब है मुझको सारी दुनिया को बताता है कोई  सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर मुझको बेदाग़ बताता है कोई  हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल  जान ऐसे भी लुटाता है कोई अब तो रहता नशें में हूँ हरपल  ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई रात कटती न प्रखर करवट में  याद ऐसे  मुझे आता है कोई  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई 
अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई 
दिल की आवाज़ सुनाता है कोई ।
वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।।
नाम कोई भी नही  रिश्ते का
फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई
इस तरह चाहता अब है मुझको
सारी दुनिया को बताता है कोई 
सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर
मुझको बेदाग़ बताता है कोई 
हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल 
जान ऐसे भी लुटाता है कोई
अब तो रहता नशें में हूँ हरपल 
ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई
रात कटती न प्रखर करवट में 
याद ऐसे  मुझे आता है कोई 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई  अपने ख़ुद अश्क़  बहाता है कोई  दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही 

13 Love

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