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#भक्ति #navratri  

*अण्डरूप में है हुआ, जब माँ का अवतार।*
*हुईं कूष्माण्डा तभी, महिमा अपरंपार।*
*धनुष कमण्डल बाण घट, पुष्प गदा कर चक्र-*
*अष्टभुजा नव सिद्धियाँ, तेरी जय- जयकार।*

©IG @kavi_neetesh

*या देवी सर्वभूतेषु कुष्मांडा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः 🚩 🙇🏻 🚩* *नवरात्रि के पावन महापर्व के चतुर्थ दिवस की अन

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|| मुक्तक || attitude shayari motivational shayari alone shayari girl hindi shayari shayari on life

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मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

13 Love

#कविता  स्वरचित मुक्तक
मग्न खुद में हमेशा

तृप्ति की कलम और तृप्ति के स्वर में मुक्तक

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White मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास - आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मुक्तक :-

आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध ।
वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध ।
मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास -
आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दा

15 Love

White आज फिर से दिल,बहुत ज्यादा दुखाया उसने। हर बार और ज्यादा, मुझे रुलाया उसने। मेरी उंगली थाम कर वो चलना सीखा। कटी उंगली मेरी तो मुस्कुराया उसने। ©Dr Nutan Sharma Naval

#मुक्तक_श्रृंखला #Motivational  White आज फिर से दिल,बहुत ज्यादा दुखाया उसने।
हर बार और ज्यादा, मुझे रुलाया उसने।
मेरी उंगली थाम कर वो चलना सीखा।
कटी उंगली मेरी तो मुस्कुराया उसने।

©Dr Nutan Sharma Naval
#भक्ति #navratri  

*अण्डरूप में है हुआ, जब माँ का अवतार।*
*हुईं कूष्माण्डा तभी, महिमा अपरंपार।*
*धनुष कमण्डल बाण घट, पुष्प गदा कर चक्र-*
*अष्टभुजा नव सिद्धियाँ, तेरी जय- जयकार।*

©IG @kavi_neetesh

*या देवी सर्वभूतेषु कुष्मांडा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः 🚩 🙇🏻 🚩* *नवरात्रि के पावन महापर्व के चतुर्थ दिवस की अन

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|| मुक्तक || attitude shayari motivational shayari alone shayari girl hindi shayari shayari on life

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मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

13 Love

#कविता  स्वरचित मुक्तक
मग्न खुद में हमेशा

तृप्ति की कलम और तृप्ति के स्वर में मुक्तक

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White मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास - आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मुक्तक :-

आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध ।
वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध ।
मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास -
आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दा

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White आज फिर से दिल,बहुत ज्यादा दुखाया उसने। हर बार और ज्यादा, मुझे रुलाया उसने। मेरी उंगली थाम कर वो चलना सीखा। कटी उंगली मेरी तो मुस्कुराया उसने। ©Dr Nutan Sharma Naval

#मुक्तक_श्रृंखला #Motivational  White आज फिर से दिल,बहुत ज्यादा दुखाया उसने।
हर बार और ज्यादा, मुझे रुलाया उसने।
मेरी उंगली थाम कर वो चलना सीखा।
कटी उंगली मेरी तो मुस्कुराया उसने।

©Dr Nutan Sharma Naval
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