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Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें ©Priya

#विचार #हमसे  Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें

©Priya

#हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर

8 Love

White यह दुनिया एक विचित्र दुकान, जहां इंसान सजे सामना. कोई खुशी बेचता, कोई ग़म, कोई ज्ञान तो कोई भ्रम. कुछ सपनों का धंधा करते, कुछ उम्मीदों को भरते. इच्छाओं की बोली लगती, हर किसी की किस्मत सजती. यहां कोई विज्ञान को संभाले, कोई अध्यात्म से ढांके. कोई मन की तरंग में डूबे, कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे. मशीनों में रची-बसी है सोच, संवेदनाओं की है अलग ही खोज. हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी, अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो. क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है, सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं. इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में, जीवन की कीमतें नाप रहे हैं. ©Avinash Jha

#विचित्र #दुनिया #दुकान #sad_dp  White यह दुनिया एक विचित्र दुकान,
जहां इंसान सजे सामना.
कोई खुशी बेचता, कोई ग़म,
कोई ज्ञान तो कोई भ्रम.

कुछ सपनों का धंधा करते,
कुछ उम्मीदों को भरते.
इच्छाओं की बोली लगती,
हर किसी की किस्मत सजती.

यहां कोई विज्ञान को संभाले,
कोई अध्यात्म से ढांके.
कोई मन की तरंग में डूबे,
कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे.

मशीनों में रची-बसी है सोच,
संवेदनाओं की है अलग ही खोज.
हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी,
अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो.

क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है,
सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं.
इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में,
जीवन की कीमतें नाप रहे हैं.

©Avinash Jha

Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें ©Priya

#विचार #हमसे  Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें

©Priya

#हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर

8 Love

White यह दुनिया एक विचित्र दुकान, जहां इंसान सजे सामना. कोई खुशी बेचता, कोई ग़म, कोई ज्ञान तो कोई भ्रम. कुछ सपनों का धंधा करते, कुछ उम्मीदों को भरते. इच्छाओं की बोली लगती, हर किसी की किस्मत सजती. यहां कोई विज्ञान को संभाले, कोई अध्यात्म से ढांके. कोई मन की तरंग में डूबे, कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे. मशीनों में रची-बसी है सोच, संवेदनाओं की है अलग ही खोज. हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी, अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो. क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है, सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं. इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में, जीवन की कीमतें नाप रहे हैं. ©Avinash Jha

#विचित्र #दुनिया #दुकान #sad_dp  White यह दुनिया एक विचित्र दुकान,
जहां इंसान सजे सामना.
कोई खुशी बेचता, कोई ग़म,
कोई ज्ञान तो कोई भ्रम.

कुछ सपनों का धंधा करते,
कुछ उम्मीदों को भरते.
इच्छाओं की बोली लगती,
हर किसी की किस्मत सजती.

यहां कोई विज्ञान को संभाले,
कोई अध्यात्म से ढांके.
कोई मन की तरंग में डूबे,
कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे.

मशीनों में रची-बसी है सोच,
संवेदनाओं की है अलग ही खोज.
हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी,
अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो.

क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है,
सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं.
इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में,
जीवन की कीमतें नाप रहे हैं.

©Avinash Jha
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