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New सहयाद्री बाद में Status, Photo, Video

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झालर उतार दिए , लडिया लपेट रहे है ! दिवाली बीत गई , अब खुशियां समेट रहे हैं !! ©s गोल्डी

#Quotes  झालर उतार दिए , लडिया लपेट रहे है !

दिवाली बीत गई , अब खुशियां समेट रहे हैं !!

©s गोल्डी

दिवाली के बाद

13 Love

#मोटिवेशन #विनोद #मिश्र #Motivational

"पहले जीवन में अनुशासन आता है और बाद में हाथ में शासन आता है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

135 View

🤨अकेले जाने सीखों तकलीफ होगा बाद में।😔🤝

72 View

White कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में, बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में। अनंत ©Anant Nag Chandan

#Shiva #SAD  White कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में,
बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में।
अनंत

©Anant Nag Chandan

#Shiva कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में, बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में। अनंत

18 Love

White मेरे जाने के बाद ............ बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी पर बातो में गहराई थी उसके जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी पर दिल की साफ थी किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका पर समझदार उससे ज्यादा थी उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी perfect तो नही समझा गया उसे कभी पर parfect बनकर चली जरूर गई सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी। ©seema patidar

 White मेरे जाने के बाद ............

बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी 
पर बातो में गहराई थी उसके
जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी 
पर दिल की साफ थी 
किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी
पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी 
उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई
पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी
मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका
पर समझदार उससे ज्यादा थी 
उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए
पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी
perfect तो नही समझा गया उसे कभी
पर parfect  बनकर चली जरूर गई
सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी
सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी।

©seema patidar

मेरे जाने के बाद......

10 Love

#मोटिवेशनल  आज़ से पचीस साल पूर्व 
ढेर सारी नसीहतो के साथ 
पापा ने मुझे पटना तब भेजा था 
ज़ब गांव का सामान्य आदमी 
शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था 
पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था 
और भाई भागलपुर स्टेशन तक 
हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने 
बोला नहीं था कुछ लेकिन 
नजरो से एक वादा ले लिया था 
जाओ आप पापा के सपने बनाना 
मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना 
तब हम नहीं समझ पाए थे 
लगा ये शैतानी कर रहा है 
अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है 
आज ज़ब समझा तो लगा की हम 
बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए 
और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया 
ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था 
बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं 
मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को 
लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे 
और उम्मीदों को बोझ बेटों पर 
उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए 
एक तपस्या के लिए घर से दूर 
हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर

©ranjit Kumar rathour

पचीस साल बाद

144 View

झालर उतार दिए , लडिया लपेट रहे है ! दिवाली बीत गई , अब खुशियां समेट रहे हैं !! ©s गोल्डी

#Quotes  झालर उतार दिए , लडिया लपेट रहे है !

दिवाली बीत गई , अब खुशियां समेट रहे हैं !!

©s गोल्डी

दिवाली के बाद

13 Love

#मोटिवेशन #विनोद #मिश्र #Motivational

"पहले जीवन में अनुशासन आता है और बाद में हाथ में शासन आता है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

135 View

🤨अकेले जाने सीखों तकलीफ होगा बाद में।😔🤝

72 View

White कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में, बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में। अनंत ©Anant Nag Chandan

#Shiva #SAD  White कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में,
बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में।
अनंत

©Anant Nag Chandan

#Shiva कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में, बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में। अनंत

18 Love

White मेरे जाने के बाद ............ बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी पर बातो में गहराई थी उसके जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी पर दिल की साफ थी किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका पर समझदार उससे ज्यादा थी उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी perfect तो नही समझा गया उसे कभी पर parfect बनकर चली जरूर गई सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी। ©seema patidar

 White मेरे जाने के बाद ............

बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी 
पर बातो में गहराई थी उसके
जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी 
पर दिल की साफ थी 
किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी
पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी 
उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई
पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी
मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका
पर समझदार उससे ज्यादा थी 
उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए
पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी
perfect तो नही समझा गया उसे कभी
पर parfect  बनकर चली जरूर गई
सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी
सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी।

©seema patidar

मेरे जाने के बाद......

10 Love

#मोटिवेशनल  आज़ से पचीस साल पूर्व 
ढेर सारी नसीहतो के साथ 
पापा ने मुझे पटना तब भेजा था 
ज़ब गांव का सामान्य आदमी 
शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था 
पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था 
और भाई भागलपुर स्टेशन तक 
हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने 
बोला नहीं था कुछ लेकिन 
नजरो से एक वादा ले लिया था 
जाओ आप पापा के सपने बनाना 
मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना 
तब हम नहीं समझ पाए थे 
लगा ये शैतानी कर रहा है 
अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है 
आज ज़ब समझा तो लगा की हम 
बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए 
और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया 
ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था 
बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं 
मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को 
लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे 
और उम्मीदों को बोझ बेटों पर 
उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए 
एक तपस्या के लिए घर से दूर 
हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर

©ranjit Kumar rathour

पचीस साल बाद

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