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New ek daur naya duniya mein shuru lyrics Status, Photo, Video

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Unsplash Samajh nahi aata, Baad mein Busy hone wale log, Shuru mein itna waqt laatein kahan se hai ? ©Miss Khushi

#leafbook  Unsplash Samajh nahi aata, 

Baad mein Busy hone wale log, 

Shuru mein itna waqt laatein kahan se hai ?

©Miss Khushi

#leafbook Samajh nahi aata, Baad mein Busy hone wale log, Shuru mein itna waqt laatein kahan se hai ?

8 Love

#sad_shayari #SAD

#sad_shayari # Jahar bhara hai Duniya Mein .

243 View

कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं... कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी.... शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️ 'सोच' ©मलंग

#naya  कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। 
हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... 
घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं...
कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी....
शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️

'सोच'

©मलंग

#naya

15 Love

Unsplash Samajh nahi aata, Baad mein Busy hone wale log, Shuru mein itna waqt laatein kahan se hai ? ©Miss Khushi

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Baad mein Busy hone wale log, 

Shuru mein itna waqt laatein kahan se hai ?

©Miss Khushi

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#sad_shayari #SAD

#sad_shayari # Jahar bhara hai Duniya Mein .

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कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं... कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी.... शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️ 'सोच' ©मलंग

#naya  कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। 
हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... 
घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं...
कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी....
शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️

'सोच'

©मलंग

#naya

15 Love

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