White * " राम नाम ही सार है " *
राम नाम ही सार है, जीवन का आधार।
जप लो राम के नाम, होगा बेड़ा पार।।
राम नाम ही आस है, मन की सच्ची प्यास।
मन में हो प्रभुराम तो,जीवन जगत उजास।
मन में बसे हो राम जी, फिर क्या पाना शेष।
जीवन में एक राम ही, करते काम अशेष।।
मनसा-वाचा-कर्मणा, जो धरता है ध्यान।
पाता वह श्री राम को,जाता प्रभु के धाम।।
जीवन जगत का सार है, सियाराम का नाम।
सारी सृष्टि समा रही, प्रभु-पावन-गुणधाम।।
दशरथ नंदन रामजी, दीनों के हैं नाथ।
स्वामी तुम हनुमान के,सिर पर रख दो हाथ।
शरण में आए आपकी, कर दो बेड़ापार।
राम-राज्य फलीभूत हो, सपना हो साकार।।
©बेजुबान शायर shivkumar
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