tags

New हिंदी पोयम्स ओं हिमालय पर्वत Status, Photo, Video

Find the latest Status about हिंदी पोयम्स ओं हिमालय पर्वत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about हिंदी पोयम्स ओं हिमालय पर्वत.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में - कुण्डलिया - --------------------------------------- दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान। ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।। माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता। आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।। द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर। कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #moon_day  White   विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में
- कुण्डलिया -
---------------------------------------
दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान।
ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।।
माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता।
आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।।
द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर।
कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#moon_day हिंदी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

14 Love

#विचार  White पर्वत के समान बनना कोई आसान काम नहीं है उसके लिए सभी तरह के थपेड़ों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तब जाकर इंसान पर्वत के समान कठोर बनता है।

©Satish Kumar Meena

पर्वत के समान

117 View

#मोटिवेशनल #हिमालय  White 
 
माउंट कैलाश, हिमालय पर्वत में तिब्बत  के सुदूर दक्षिण - पश्चिम कोने में स्थित एक अद्भुत शिखर है। 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह हिमालय के सबसे ऊंचे हिस्से में से एक है ओर कुछ नदियों के स्त्रोत के रूप में कार्य करता है।

©Vinit Sarmandal

White हिंदी में बिंदी भाए मात्रा देखत बुद्धि हेराए पंचमेल खिचड़ी समझ न आए और चले हिंदी को सरल, सहज एवं आसान बताए खाए रोटी हिंदी की और हिंदी कहत लजाए बच्चा पैदा होत ही अंग्रेजी गुण खिलाए जगह जगह पर पानी बदले, देश - देश में वाणी तो कैसे संभव हिंदी की विकास हमारी ©Priyanka Choudhary

#हिंदी #कविता #hindi_diwas  White हिंदी में बिंदी भाए 
मात्रा देखत बुद्धि हेराए 
पंचमेल खिचड़ी समझ न आए 
और चले हिंदी को सरल, सहज
 एवं आसान बताए

खाए रोटी हिंदी की और हिंदी कहत लजाए 
बच्चा पैदा होत ही अंग्रेजी गुण खिलाए
जगह जगह पर पानी बदले,
देश - देश में वाणी
तो कैसे संभव हिंदी की विकास हमारी

©Priyanka Choudhary

#hindi_diwas #हिंदी है हम#हिंदी कविता #हिंदी साहित्य

16 Love

हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना। ©Gobind Kumar

#कविता  हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना।

©Gobind Kumar

हिंदी कविता... हिंदी कविता

7 Love

ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।। दरक रहा है वो इतिहास जिसे पृथ्वी ने करोड़ों साल लिखा मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।। हां तो क्या बता रहा था?????? एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया फिर दो महाद्वीप टकराए और हिमालय का निर्माण किया इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।। फिर मानव पैदा हुआ 🥹 वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता नदियों को जल देता।।।।।।।। हरि ॐ १०.०७.२०२४ ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #हिमालय #विचार #भारत  ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।।


दरक रहा है वो इतिहास
जिसे पृथ्वी ने
करोड़ों साल लिखा

मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।।


हां
तो क्या बता रहा था??????

एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया
फिर दो महाद्वीप टकराए
और हिमालय का निर्माण किया
इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे
और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।।

फिर मानव पैदा हुआ
🥹


वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है
पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता
नदियों को जल देता।।।।।।।।


हरि ॐ 
१०.०७.२०२४

©Ram Yadav

White विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में - कुण्डलिया - --------------------------------------- दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान। ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।। माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता। आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।। द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर। कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #moon_day  White   विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में
- कुण्डलिया -
---------------------------------------
दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान।
ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।।
माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता।
आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।।
द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर।
कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#moon_day हिंदी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

14 Love

#विचार  White पर्वत के समान बनना कोई आसान काम नहीं है उसके लिए सभी तरह के थपेड़ों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तब जाकर इंसान पर्वत के समान कठोर बनता है।

©Satish Kumar Meena

पर्वत के समान

117 View

#मोटिवेशनल #हिमालय  White 
 
माउंट कैलाश, हिमालय पर्वत में तिब्बत  के सुदूर दक्षिण - पश्चिम कोने में स्थित एक अद्भुत शिखर है। 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह हिमालय के सबसे ऊंचे हिस्से में से एक है ओर कुछ नदियों के स्त्रोत के रूप में कार्य करता है।

©Vinit Sarmandal

White हिंदी में बिंदी भाए मात्रा देखत बुद्धि हेराए पंचमेल खिचड़ी समझ न आए और चले हिंदी को सरल, सहज एवं आसान बताए खाए रोटी हिंदी की और हिंदी कहत लजाए बच्चा पैदा होत ही अंग्रेजी गुण खिलाए जगह जगह पर पानी बदले, देश - देश में वाणी तो कैसे संभव हिंदी की विकास हमारी ©Priyanka Choudhary

#हिंदी #कविता #hindi_diwas  White हिंदी में बिंदी भाए 
मात्रा देखत बुद्धि हेराए 
पंचमेल खिचड़ी समझ न आए 
और चले हिंदी को सरल, सहज
 एवं आसान बताए

खाए रोटी हिंदी की और हिंदी कहत लजाए 
बच्चा पैदा होत ही अंग्रेजी गुण खिलाए
जगह जगह पर पानी बदले,
देश - देश में वाणी
तो कैसे संभव हिंदी की विकास हमारी

©Priyanka Choudhary

#hindi_diwas #हिंदी है हम#हिंदी कविता #हिंदी साहित्य

16 Love

हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना। ©Gobind Kumar

#कविता  हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना।

©Gobind Kumar

हिंदी कविता... हिंदी कविता

7 Love

ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।। दरक रहा है वो इतिहास जिसे पृथ्वी ने करोड़ों साल लिखा मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।। हां तो क्या बता रहा था?????? एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया फिर दो महाद्वीप टकराए और हिमालय का निर्माण किया इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।। फिर मानव पैदा हुआ 🥹 वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता नदियों को जल देता।।।।।।।। हरि ॐ १०.०७.२०२४ ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #हिमालय #विचार #भारत  ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।।


दरक रहा है वो इतिहास
जिसे पृथ्वी ने
करोड़ों साल लिखा

मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।।


हां
तो क्या बता रहा था??????

एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया
फिर दो महाद्वीप टकराए
और हिमालय का निर्माण किया
इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे
और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।।

फिर मानव पैदा हुआ
🥹


वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है
पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता
नदियों को जल देता।।।।।।।।


हरि ॐ 
१०.०७.२०२४

©Ram Yadav
Trending Topic