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White सिंह, सिंह होता है जहाँ बैठ जाए सिंहासन वही ठीक उसी तरह राजा खुद से राजा होता है जहां भी खड़े हो हर रूप में पहचान आ जाएगा जय श्री राम ©Radhe Radhe

#Motivational  White सिंह, सिंह होता है
जहाँ बैठ जाए
सिंहासन वही
ठीक उसी तरह 
राजा खुद से राजा होता है
जहां भी खड़े हो 
हर रूप में पहचान आ जाएगा
जय श्री राम

©Radhe Radhe

सिंह सिंह होता है

17 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White सत्य अहिंसा के पुजारी है जाट-पात के विरोधी है वो मानवता के सच्चे सारथी हम गांधी जी के स्वप्न भारत है। रंगभेद की आलोचनाओ को उसने पुरजोर विरोधी अभियान किया सहने की शक्ति और उत्तम विचारक हम गांधी जी के स्वप्न भारत है सादगी के सच्चे साधक मनु उपवास के विनम्र धर्मात्मा है संस्कार के धनी संघर्ष महात्मा हम गांधी जी के स्वप्न भारत है। फ़िरंगो की दमन तमस शासन का आंदोलन का अविचल आगाज किया करो या मरो प्रेरणा के पावनदाता हम गांधीजी के स्वप्न भारत है। स्वच्छता के समरजीत सुजाता राष्ट्र एकता के प्रणधार विजेता राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजा हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।। हम गाँधीजी के स्वप्न भारत है।। सुनील लम्बाड़ी..... ©Sunil lambadi

#कविता #gandhi_jayanti #बापू  White सत्य अहिंसा के पुजारी है
जाट-पात के विरोधी है
वो मानवता के सच्चे सारथी
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है।

रंगभेद की आलोचनाओ को उसने
पुरजोर विरोधी अभियान किया
सहने की शक्ति और उत्तम विचारक 
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है

सादगी के सच्चे साधक मनु
उपवास के विनम्र धर्मात्मा है
संस्कार के धनी संघर्ष महात्मा
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है।

फ़िरंगो की दमन तमस शासन का
आंदोलन का अविचल आगाज किया
करो या मरो प्रेरणा के पावनदाता
हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।

स्वच्छता के समरजीत सुजाता
राष्ट्र एकता के प्रणधार विजेता
राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजा
हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।।
हम गाँधीजी के स्वप्न भारत है।।


सुनील लम्बाड़ी.....

©Sunil lambadi

#gandhi_jayanti #बापू देशभक्ति कविता कविता कोश हिंदी कविता कविताएं

15 Love

तु अजुन कसा मरत नाहीस #sadstory #Poetry #SAD #गांधी #बापू #India #godse #History #Emotional #मराठीकविता

108 View

White राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है, विश्व देखो राम मय है,राम का उर धाम है। राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है। _विभा सिंह ©kavitri vibha prabhuraj singh

#कविता #विभा #मन  White 
राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है,
विश्व देखो राम मय है,राम का उर  धाम है।
राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, 
राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है।

_विभा सिंह

©kavitri vibha prabhuraj singh

#मन के भाव #विभा सिंह

13 Love

#वीडियो

cute baby सुधि स्वरा सिंह

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White सिंह, सिंह होता है जहाँ बैठ जाए सिंहासन वही ठीक उसी तरह राजा खुद से राजा होता है जहां भी खड़े हो हर रूप में पहचान आ जाएगा जय श्री राम ©Radhe Radhe

#Motivational  White सिंह, सिंह होता है
जहाँ बैठ जाए
सिंहासन वही
ठीक उसी तरह 
राजा खुद से राजा होता है
जहां भी खड़े हो 
हर रूप में पहचान आ जाएगा
जय श्री राम

©Radhe Radhe

सिंह सिंह होता है

17 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White सत्य अहिंसा के पुजारी है जाट-पात के विरोधी है वो मानवता के सच्चे सारथी हम गांधी जी के स्वप्न भारत है। रंगभेद की आलोचनाओ को उसने पुरजोर विरोधी अभियान किया सहने की शक्ति और उत्तम विचारक हम गांधी जी के स्वप्न भारत है सादगी के सच्चे साधक मनु उपवास के विनम्र धर्मात्मा है संस्कार के धनी संघर्ष महात्मा हम गांधी जी के स्वप्न भारत है। फ़िरंगो की दमन तमस शासन का आंदोलन का अविचल आगाज किया करो या मरो प्रेरणा के पावनदाता हम गांधीजी के स्वप्न भारत है। स्वच्छता के समरजीत सुजाता राष्ट्र एकता के प्रणधार विजेता राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजा हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।। हम गाँधीजी के स्वप्न भारत है।। सुनील लम्बाड़ी..... ©Sunil lambadi

#कविता #gandhi_jayanti #बापू  White सत्य अहिंसा के पुजारी है
जाट-पात के विरोधी है
वो मानवता के सच्चे सारथी
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है।

रंगभेद की आलोचनाओ को उसने
पुरजोर विरोधी अभियान किया
सहने की शक्ति और उत्तम विचारक 
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है

सादगी के सच्चे साधक मनु
उपवास के विनम्र धर्मात्मा है
संस्कार के धनी संघर्ष महात्मा
हम गांधी जी के स्वप्न भारत है।

फ़िरंगो की दमन तमस शासन का
आंदोलन का अविचल आगाज किया
करो या मरो प्रेरणा के पावनदाता
हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।

स्वच्छता के समरजीत सुजाता
राष्ट्र एकता के प्रणधार विजेता
राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजा
हम गांधीजी के स्वप्न भारत है।।
हम गाँधीजी के स्वप्न भारत है।।


सुनील लम्बाड़ी.....

©Sunil lambadi

#gandhi_jayanti #बापू देशभक्ति कविता कविता कोश हिंदी कविता कविताएं

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तु अजुन कसा मरत नाहीस #sadstory #Poetry #SAD #गांधी #बापू #India #godse #History #Emotional #मराठीकविता

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White राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है, विश्व देखो राम मय है,राम का उर धाम है। राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है। _विभा सिंह ©kavitri vibha prabhuraj singh

#कविता #विभा #मन  White 
राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है,
विश्व देखो राम मय है,राम का उर  धाम है।
राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, 
राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है।

_विभा सिंह

©kavitri vibha prabhuraj singh

#मन के भाव #विभा सिंह

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cute baby सुधि स्वरा सिंह

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