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Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर, हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर। नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें, प्यार का पतंग संग थामे चलें। हर शिकायत को हवा में बहा दें, हर दूरी को अपने करीब ला दें। आओ फिर से अजनबी हो जाएं, एक नई दास्तां फिर लिख जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #lovelife  Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
दिल से हर ग़म को भुला जाएं।
तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो,
फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो।

सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर,
हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर।
नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें,
प्यार का पतंग संग थामे चलें।

हर शिकायत को हवा में बहा दें,
हर दूरी को अपने करीब ला दें।
आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
एक नई दास्तां फिर लिख जाएं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्

12 Love

Unsplash ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सी फैली हुई है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कटती हैं सदियां, पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती। सफर भी है और मंज़िल भी है, पर कोई राह समझ नहीं आती। हर कदम पर ख्वाब टूटे यहां, पर आंखों से उम्मीद नहीं जाती। मौत से भी आगे कुछ होगा शायद, वरना ये रूह क्यों डर नहीं पाती। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर,
सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती।
हर तरफ धुंध-सी फैली हुई है,
हकीकत कभी नजर नहीं आती।

आरज़ू में कटती हैं सदियां,
पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती।
सफर भी है और मंज़िल भी है,
पर कोई राह समझ नहीं आती।

हर कदम पर ख्वाब टूटे यहां,
पर आंखों से उम्मीद नहीं जाती।
मौत से भी आगे कुछ होगा शायद,
वरना ये रूह क्यों डर नहीं पाती।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सा फैला हुआ है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कट

16 Love

#AnjaliSinghal

क्या कीमत चुकाते हम उनकी मोहब्बत की. दिल ही था बस हमारे पास डोर उसकी उन्हें सौंप दी #AnjaliSinghal #poetry #nojoto

144 View

White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की जिद थी उसकी उड़ जाने की चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........ ©seema patidar

 White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी
उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की
संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की 
जिद थी उसकी उड़ जाने की 
चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की
मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते
पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की
बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है
प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........

©seema patidar

आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......

11 Love

Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर, हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर। नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें, प्यार का पतंग संग थामे चलें। हर शिकायत को हवा में बहा दें, हर दूरी को अपने करीब ला दें। आओ फिर से अजनबी हो जाएं, एक नई दास्तां फिर लिख जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #lovelife  Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
दिल से हर ग़म को भुला जाएं।
तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो,
फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो।

सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर,
हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर।
नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें,
प्यार का पतंग संग थामे चलें।

हर शिकायत को हवा में बहा दें,
हर दूरी को अपने करीब ला दें।
आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
एक नई दास्तां फिर लिख जाएं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्

12 Love

Unsplash ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सी फैली हुई है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कटती हैं सदियां, पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती। सफर भी है और मंज़िल भी है, पर कोई राह समझ नहीं आती। हर कदम पर ख्वाब टूटे यहां, पर आंखों से उम्मीद नहीं जाती। मौत से भी आगे कुछ होगा शायद, वरना ये रूह क्यों डर नहीं पाती। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर,
सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती।
हर तरफ धुंध-सी फैली हुई है,
हकीकत कभी नजर नहीं आती।

आरज़ू में कटती हैं सदियां,
पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती।
सफर भी है और मंज़िल भी है,
पर कोई राह समझ नहीं आती।

हर कदम पर ख्वाब टूटे यहां,
पर आंखों से उम्मीद नहीं जाती।
मौत से भी आगे कुछ होगा शायद,
वरना ये रूह क्यों डर नहीं पाती।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सा फैला हुआ है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कट

16 Love

#AnjaliSinghal

क्या कीमत चुकाते हम उनकी मोहब्बत की. दिल ही था बस हमारे पास डोर उसकी उन्हें सौंप दी #AnjaliSinghal #poetry #nojoto

144 View

White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की जिद थी उसकी उड़ जाने की चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........ ©seema patidar

 White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी
उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की
संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की 
जिद थी उसकी उड़ जाने की 
चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की
मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते
पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की
बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है
प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........

©seema patidar

आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......

11 Love

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