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New मुगलों की मातृभाषा थी Status, Photo, Video

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White देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था मैं, आँखों में चमक सी आई थी। दुनिया की फिक्र किसको थी, मेरी जान जाँ पर बन आई थी। तेरे ही एहसासों में जीने का, ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी। मैं, धड़कन और रूह ने मेरी, दुनिया से नाता तोड़ आई थी। मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ, तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी। डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ, मेरे दिल को सुकून सी आई थी। तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने, जीने का तरीका सिखलाई थी। तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ, तेरी यादों में राहत सी आई थी। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Sad_Status  White देख कर तुझको पहली बार,
मेरे दिल पर शामत आई थी।
मैं होश में कहाँ था उस वक़्त,
जज़्बातों में लहर सी आई थी।

सुध-बुध खोकर बैठा था मैं,
आँखों में चमक सी आई थी।
दुनिया की फिक्र किसको थी,
मेरी जान जाँ पर बन आई थी।

तेरे ही एहसासों में जीने का,
ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी।
मैं, धड़कन और रूह ने मेरी,
दुनिया से नाता तोड़ आई थी।

मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ,
तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी।
डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ,
मेरे दिल को सुकून सी आई थी।

तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने,
जीने का तरीका सिखलाई थी।
तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ,
तेरी यादों में राहत सी आई थी।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था

18 Love

ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते,
कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी।
तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल,
वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श

13 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #मेहनत #शायरी #नींद #दिन

#रात की अच्छी #नींद आएगी #दिन की अच्छी #मेहनत थी..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ 🥱🥱 #Gn 🛏️ 🥱🥱

171 View

White ना वे हमें समझ बैठे हैं ना हम उन्हें समझ बैठे हैं उनकी मंजिल और थी हमारी मंजिल और थी बस गलती से एक नाव में हम दोनों सवार हो बैठे ©Himaani

#शायरी #sad_qoute  White ना वे हमें समझ बैठे हैं 
ना हम उन्हें समझ बैठे हैं 
उनकी मंजिल और थी 
हमारी मंजिल और थी
 बस गलती से एक नाव में 
हम दोनों सवार हो बैठे

©Himaani

#sad_qoute मंजिल दोनों की कुछ और थी शायरी लव रोमांटिक

20 Love

ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #जुबां  ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म,
जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम।

बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई,
ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई।

दिल के अंदर एक कहानी दबी थी,
जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी।

गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी,
ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी।

दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा,
जिसे कह न सका, वही आह में बहा।

मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई,
जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई।

©नवनीत ठाकुर

#जुबां खामोश थी

14 Love

#कॉमेडी

'कॉमेडी वीडियो'दुल्हन बिदा हो रही थी

189 View

White देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था मैं, आँखों में चमक सी आई थी। दुनिया की फिक्र किसको थी, मेरी जान जाँ पर बन आई थी। तेरे ही एहसासों में जीने का, ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी। मैं, धड़कन और रूह ने मेरी, दुनिया से नाता तोड़ आई थी। मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ, तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी। डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ, मेरे दिल को सुकून सी आई थी। तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने, जीने का तरीका सिखलाई थी। तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ, तेरी यादों में राहत सी आई थी। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Sad_Status  White देख कर तुझको पहली बार,
मेरे दिल पर शामत आई थी।
मैं होश में कहाँ था उस वक़्त,
जज़्बातों में लहर सी आई थी।

सुध-बुध खोकर बैठा था मैं,
आँखों में चमक सी आई थी।
दुनिया की फिक्र किसको थी,
मेरी जान जाँ पर बन आई थी।

तेरे ही एहसासों में जीने का,
ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी।
मैं, धड़कन और रूह ने मेरी,
दुनिया से नाता तोड़ आई थी।

मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ,
तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी।
डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ,
मेरे दिल को सुकून सी आई थी।

तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने,
जीने का तरीका सिखलाई थी।
तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ,
तेरी यादों में राहत सी आई थी।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था

18 Love

ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते,
कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी।
तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल,
वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श

13 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #मेहनत #शायरी #नींद #दिन

#रात की अच्छी #नींद आएगी #दिन की अच्छी #मेहनत थी..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ 🥱🥱 #Gn 🛏️ 🥱🥱

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White ना वे हमें समझ बैठे हैं ना हम उन्हें समझ बैठे हैं उनकी मंजिल और थी हमारी मंजिल और थी बस गलती से एक नाव में हम दोनों सवार हो बैठे ©Himaani

#शायरी #sad_qoute  White ना वे हमें समझ बैठे हैं 
ना हम उन्हें समझ बैठे हैं 
उनकी मंजिल और थी 
हमारी मंजिल और थी
 बस गलती से एक नाव में 
हम दोनों सवार हो बैठे

©Himaani

#sad_qoute मंजिल दोनों की कुछ और थी शायरी लव रोमांटिक

20 Love

ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #जुबां  ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म,
जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम।

बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई,
ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई।

दिल के अंदर एक कहानी दबी थी,
जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी।

गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी,
ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी।

दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा,
जिसे कह न सका, वही आह में बहा।

मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई,
जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई।

©नवनीत ठाकुर

#जुबां खामोश थी

14 Love

#कॉमेडी

'कॉमेडी वीडियो'दुल्हन बिदा हो रही थी

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