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New रणवीर सिंह दिल धड़कने दो Status, Photo, Video

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White माना कि दो अलग अलग चोरो पर. हैँ कल्पना और यथार्थ तुम्हे ध्यान देना पढ़ेगा. कि कहीं तुमारी कल्पना यथार्थ बनने की कशिश न करने लगे ©Parasram Arora

#कविता  White माना कि दो अलग
 अलग चोरो पर. हैँ 
कल्पना  और  यथार्थ 

तुम्हे ध्यान देना पढ़ेगा. कि 
कहीं तुमारी
कल्पना
 यथार्थ बनने की 
कशिश न करने लगे

©Parasram Arora

दो छोर

17 Love

White प्रेम समर्पणेन निर्मितः बन्धः अस्ति, यस्मिन् हृदयद्वयं सत्यहृदयेन परस्परं प्रेम करोति प्यार समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं Love is a bond made of dedication, in which two hearts love each other with true heart धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

#karwachouth  White प्रेम समर्पणेन निर्मितः बन्धः अस्ति, यस्मिन् हृदयद्वयं सत्यहृदयेन परस्परं प्रेम करोति
प्यार समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं
Love is a bond made of dedication, in which two hearts love each other with true heart
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

#karwachouth प्रेम समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं

13 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White Murshad...... यूँ हर किसी से,दिल लगाना छोड़ दो, ग़ैर को, अपना बनाना छोड़ दो, और अपनी औक़ात जानना हो घर में , तो कुछ दिन कमाना छोड़ दो || ©Ayesha Aarya Singh

#Sad_Status  White Murshad...... 

यूँ हर किसी से,दिल लगाना छोड़ दो, 
ग़ैर को, अपना बनाना छोड़ दो, 
और 
अपनी औक़ात जानना हो घर में ,
तो कुछ दिन कमाना छोड़ दो ||

©Ayesha Aarya Singh

यूँ हर किसी से दिल लगाना छोड़ दो #Sad_Status shayari on life hindi shayari alone shayari girl sad shayari @R Ojha @Sethi Ji @S.I.V.I.A Pyar

30 Love

तू ख़्वाब है किसी और का, तुझे सोचते हम हैं, अपनी ज़िन्दगी से बेख़बर, तुझे चाहते हम हैं। तू पास नहीं, पर एहसास है हर घड़ी, तेरी यादों में डूबकर, हर लम्हा जीते हम हैं। ©Pramod meena

#शायरी  तू ख़्वाब है किसी और का, तुझे सोचते हम हैं,
अपनी ज़िन्दगी से बेख़बर, तुझे चाहते हम हैं।
तू पास नहीं, पर एहसास है हर घड़ी,
तेरी यादों में डूबकर, हर लम्हा जीते हम हैं।

©Pramod meena

दिल💔 'दर्द भरी शायरी' खूबसूरत दो लाइन शायरी

13 Love

#वीडियो #ranveerdeepika #Trending #viral

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के घर आई एक नन्ही परी #nojoto #viral #Trending #ranveerdeepika

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White माना कि दो अलग अलग चोरो पर. हैँ कल्पना और यथार्थ तुम्हे ध्यान देना पढ़ेगा. कि कहीं तुमारी कल्पना यथार्थ बनने की कशिश न करने लगे ©Parasram Arora

#कविता  White माना कि दो अलग
 अलग चोरो पर. हैँ 
कल्पना  और  यथार्थ 

तुम्हे ध्यान देना पढ़ेगा. कि 
कहीं तुमारी
कल्पना
 यथार्थ बनने की 
कशिश न करने लगे

©Parasram Arora

दो छोर

17 Love

White प्रेम समर्पणेन निर्मितः बन्धः अस्ति, यस्मिन् हृदयद्वयं सत्यहृदयेन परस्परं प्रेम करोति प्यार समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं Love is a bond made of dedication, in which two hearts love each other with true heart धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

#karwachouth  White प्रेम समर्पणेन निर्मितः बन्धः अस्ति, यस्मिन् हृदयद्वयं सत्यहृदयेन परस्परं प्रेम करोति
प्यार समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं
Love is a bond made of dedication, in which two hearts love each other with true heart
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

#karwachouth प्रेम समर्पण से बना एक बंधन है, जिसमें दो दिल एक दूसरे को सच्चे दिल से प्यार करते हैं

13 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White Murshad...... यूँ हर किसी से,दिल लगाना छोड़ दो, ग़ैर को, अपना बनाना छोड़ दो, और अपनी औक़ात जानना हो घर में , तो कुछ दिन कमाना छोड़ दो || ©Ayesha Aarya Singh

#Sad_Status  White Murshad...... 

यूँ हर किसी से,दिल लगाना छोड़ दो, 
ग़ैर को, अपना बनाना छोड़ दो, 
और 
अपनी औक़ात जानना हो घर में ,
तो कुछ दिन कमाना छोड़ दो ||

©Ayesha Aarya Singh

यूँ हर किसी से दिल लगाना छोड़ दो #Sad_Status shayari on life hindi shayari alone shayari girl sad shayari @R Ojha @Sethi Ji @S.I.V.I.A Pyar

30 Love

तू ख़्वाब है किसी और का, तुझे सोचते हम हैं, अपनी ज़िन्दगी से बेख़बर, तुझे चाहते हम हैं। तू पास नहीं, पर एहसास है हर घड़ी, तेरी यादों में डूबकर, हर लम्हा जीते हम हैं। ©Pramod meena

#शायरी  तू ख़्वाब है किसी और का, तुझे सोचते हम हैं,
अपनी ज़िन्दगी से बेख़बर, तुझे चाहते हम हैं।
तू पास नहीं, पर एहसास है हर घड़ी,
तेरी यादों में डूबकर, हर लम्हा जीते हम हैं।

©Pramod meena

दिल💔 'दर्द भरी शायरी' खूबसूरत दो लाइन शायरी

13 Love

#वीडियो #ranveerdeepika #Trending #viral

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के घर आई एक नन्ही परी #nojoto #viral #Trending #ranveerdeepika

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