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New लटेंट हीट ऑफ आइस इस Status, Photo, Video

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White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ©VEER NIRVEL

 White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

©VEER NIRVEL

*पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।*

14 Love

#विचार  काश इस दिवाली  काश! इस दिवाली प्रेम और सौहार्द से एक दूसरे से मिल जुलकर ,एक साथ दिए की दिवाली और मिठाइयों के संग, गरीबों को बरकत देकर मां लक्ष्मी जी की पूजा का आह्वान कर दिवाली मनाएं।

©Satish Kumar Meena

काश! इस दिवाली 🪔

126 View

White इस लम्बे सफऱ मे चलते चलते पाँव इतने थक चुके है कि अब बैठ कर अपने छालो को गिनना भी संभव नही ये तों वैसा ही है जैसे कि पेट भरा हो और कोई अपने निगलें हुए निवालो को गिनने की कोशिश करें ©Parasram Arora

#कविता  White इस  लम्बे सफऱ मे  चलते चलते पाँव 
इतने  थक चुके है कि अब  बैठ कर अपने छालो को गिनना  भी संभव नही

ये तों वैसा ही है जैसे कि पेट  भरा हो और कोई  अपने निगलें हुए निवालो को  गिनने की
कोशिश करें

©Parasram Arora

इस लम्बे सफऱ मे

13 Love

 White पेट्रोल पंप पर लोग डीजल पेट्रोल लेते टाइम अलग अलग रंग की पाइप होती है अगर सरकार उसे चेंज करके ट्रांसपेरेंट पाइप यूज में ले तो जनता को यह मालूम होगा की साइज मीटर चल रहा है या तेल भी मिल रहा है।

©joya

# एक कदम इस ओर भी #

63 View

#शायरी

इस कलयुग में

126 View

छपते-छपते रह गया, बचते-बचते बह गया, चश्मदीद था एक अदद, जाते-जाते कह गया, मौत के साये में चुप था, दर्द ज़माने का सह गया, मिट्टी का जर्जर घर था, इस बारिश में ढह गया, छोड़ गया घर-आंगन सूना, मुद्दों से कर सुलह गया, पता ठिकाना बता कोई, जाने कौन सी जगह गया, मिटा गया रंजिशें तमाम, 'गुंजन' लेकर कलह गया, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #इस  छपते-छपते  रह  गया, 
बचते-बचते  बह  गया,

चश्मदीद था एक अदद, 
जाते-जाते  कह  गया,

मौत के साये में चुप था, 
दर्द ज़माने का सह गया,

मिट्टी का जर्जर घर था, 
इस बारिश में ढह गया,

छोड़ गया घर-आंगन सूना,
मुद्दों से  कर सुलह गया,

पता ठिकाना  बता कोई, 
जाने कौन सी जगह गया,

मिटा गया रंजिशें  तमाम, 
'गुंजन' लेकर कलह गया,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#इस बारिश में ढह गया#

14 Love

White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ©VEER NIRVEL

 White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

©VEER NIRVEL

*पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।*

14 Love

#विचार  काश इस दिवाली  काश! इस दिवाली प्रेम और सौहार्द से एक दूसरे से मिल जुलकर ,एक साथ दिए की दिवाली और मिठाइयों के संग, गरीबों को बरकत देकर मां लक्ष्मी जी की पूजा का आह्वान कर दिवाली मनाएं।

©Satish Kumar Meena

काश! इस दिवाली 🪔

126 View

White इस लम्बे सफऱ मे चलते चलते पाँव इतने थक चुके है कि अब बैठ कर अपने छालो को गिनना भी संभव नही ये तों वैसा ही है जैसे कि पेट भरा हो और कोई अपने निगलें हुए निवालो को गिनने की कोशिश करें ©Parasram Arora

#कविता  White इस  लम्बे सफऱ मे  चलते चलते पाँव 
इतने  थक चुके है कि अब  बैठ कर अपने छालो को गिनना  भी संभव नही

ये तों वैसा ही है जैसे कि पेट  भरा हो और कोई  अपने निगलें हुए निवालो को  गिनने की
कोशिश करें

©Parasram Arora

इस लम्बे सफऱ मे

13 Love

 White पेट्रोल पंप पर लोग डीजल पेट्रोल लेते टाइम अलग अलग रंग की पाइप होती है अगर सरकार उसे चेंज करके ट्रांसपेरेंट पाइप यूज में ले तो जनता को यह मालूम होगा की साइज मीटर चल रहा है या तेल भी मिल रहा है।

©joya

# एक कदम इस ओर भी #

63 View

#शायरी

इस कलयुग में

126 View

छपते-छपते रह गया, बचते-बचते बह गया, चश्मदीद था एक अदद, जाते-जाते कह गया, मौत के साये में चुप था, दर्द ज़माने का सह गया, मिट्टी का जर्जर घर था, इस बारिश में ढह गया, छोड़ गया घर-आंगन सूना, मुद्दों से कर सुलह गया, पता ठिकाना बता कोई, जाने कौन सी जगह गया, मिटा गया रंजिशें तमाम, 'गुंजन' लेकर कलह गया, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #इस  छपते-छपते  रह  गया, 
बचते-बचते  बह  गया,

चश्मदीद था एक अदद, 
जाते-जाते  कह  गया,

मौत के साये में चुप था, 
दर्द ज़माने का सह गया,

मिट्टी का जर्जर घर था, 
इस बारिश में ढह गया,

छोड़ गया घर-आंगन सूना,
मुद्दों से  कर सुलह गया,

पता ठिकाना  बता कोई, 
जाने कौन सी जगह गया,

मिटा गया रंजिशें  तमाम, 
'गुंजन' लेकर कलह गया,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#इस बारिश में ढह गया#

14 Love

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