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#शायरी #love_shayari  White कलम से लिख नहीं सकते दिल के अफसाने,
मैने उसको दिल से चाहा था।
उसके दिल का खुदा जाने।

©संतोष दत्ता

#love_shayari अजनबी शायर की

99 View

#bekhabar #Videos

#bekhabar @LiteraryLion विचित्र शायर @Poonam

126 View

#शायरी #शायर

#शायर

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White गुजर जाता था हर वक्त जिन दोस्तों के साथ आज उस वक्त का एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है तरस जाती है जिंदगी उन पलों को फिर से जीने की मगर ये जीवन उन पलों को वापस नहीं ला पाता है ©Shayar Samar S M

#Sad_Status  White गुजर जाता था
 हर वक्त जिन दोस्तों के साथ
आज उस वक्त का
 एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है
तरस जाती है जिंदगी 
उन पलों को फिर से जीने की
मगर ये जीवन
 उन पलों को वापस नहीं ला पाता है

©Shayar Samar S M

#Sad_Status शायर समर S M

14 Love

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है। बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। बुझती हुई शाम सा हो गया हूं मैं। बिना कुछ किए बदनाम सा हो गया हूं मैं। ढूंढ़ते हैं सब मुझे मुझमें मगर खुद में गुमनाम सा हो गया हूं मैं। जब से खोया हुआ घर परिंदा लौटा है। तब से उसी को देख लेते है। बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है। ©Sandip rohilla

#Silence #Quotes  बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी 
ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है।

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

बुझती हुई शाम सा हो गया हूं मैं। 
बिना कुछ किए बदनाम सा हो गया हूं मैं।

ढूंढ़ते हैं सब मुझे मुझमें 
मगर खुद में गुमनाम सा हो गया हूं मैं।

जब से खोया हुआ घर परिंदा लौटा है।
तब से उसी को देख लेते है।

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी 
ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है।

©Sandip rohilla

#Silence अज्ञात @SIDDHARTH.SHENDE.sid Shilpa Yadav @Arshad Siddiqui @Anshu writer

19 Love

छिप गया है एक तारा आसमां में। जो सबसे प्यारा था इस जहां में। ले गया है अपनी परछाई भी यहां से। कर गया है हमको तन्हा बीच राह में। छिप गया है एक तारा आसमां में। जो सबसे प्यारा था इस जहां में। तेरे जाने के बाद सब खाली सा लगता है। ना ईद, ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और सूख गया है गुलशन भी तेरे जाने से। मुझे तो तू इस गुलशन के माली सा लगता है। रह गया है कोई तन्हा इस जहां में छिप गया है एक तारा आसमां में। ले गया है अपनी परछाई भी यहां से। कर गया है हमको तन्हा बीच राह में। ©Sandip rohilla

#sad_dp  छिप गया है एक तारा आसमां में।
जो सबसे प्यारा था इस जहां में।

 ले गया है अपनी परछाई भी यहां से।
कर गया है हमको तन्हा बीच राह में।

छिप गया है एक तारा आसमां में।
जो सबसे प्यारा था इस जहां में।
 
तेरे जाने के बाद सब खाली सा लगता है।
ना ईद, ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है।

और सूख गया है गुलशन भी तेरे जाने से।
मुझे तो तू इस गुलशन के माली सा लगता है।
 
रह गया है कोई तन्हा इस जहां में 
छिप गया है एक तारा आसमां में।

 ले गया है अपनी परछाई भी यहां से।
कर गया है हमको तन्हा बीच राह में।

©Sandip rohilla
#शायरी #love_shayari  White कलम से लिख नहीं सकते दिल के अफसाने,
मैने उसको दिल से चाहा था।
उसके दिल का खुदा जाने।

©संतोष दत्ता

#love_shayari अजनबी शायर की

99 View

#bekhabar #Videos

#bekhabar @LiteraryLion विचित्र शायर @Poonam

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#शायरी #शायर

#शायर

126 View

White गुजर जाता था हर वक्त जिन दोस्तों के साथ आज उस वक्त का एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है तरस जाती है जिंदगी उन पलों को फिर से जीने की मगर ये जीवन उन पलों को वापस नहीं ला पाता है ©Shayar Samar S M

#Sad_Status  White गुजर जाता था
 हर वक्त जिन दोस्तों के साथ
आज उस वक्त का
 एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है
तरस जाती है जिंदगी 
उन पलों को फिर से जीने की
मगर ये जीवन
 उन पलों को वापस नहीं ला पाता है

©Shayar Samar S M

#Sad_Status शायर समर S M

14 Love

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है। बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। बुझती हुई शाम सा हो गया हूं मैं। बिना कुछ किए बदनाम सा हो गया हूं मैं। ढूंढ़ते हैं सब मुझे मुझमें मगर खुद में गुमनाम सा हो गया हूं मैं। जब से खोया हुआ घर परिंदा लौटा है। तब से उसी को देख लेते है। बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है। खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है। पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है। ©Sandip rohilla

#Silence #Quotes  बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी 
ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है।

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

बुझती हुई शाम सा हो गया हूं मैं। 
बिना कुछ किए बदनाम सा हो गया हूं मैं।

ढूंढ़ते हैं सब मुझे मुझमें 
मगर खुद में गुमनाम सा हो गया हूं मैं।

जब से खोया हुआ घर परिंदा लौटा है।
तब से उसी को देख लेते है।

बिखरे हुए को खुद ही समेट लेते है।
 खुद के दर्दों से खुद को लपेट लेते है।

पानी के बुलबुले सी हो गई हैं जिंदगी 
ख़त्म हो जाते हैं जब भी अटेक लेते है।

©Sandip rohilla

#Silence अज्ञात @SIDDHARTH.SHENDE.sid Shilpa Yadav @Arshad Siddiqui @Anshu writer

19 Love

छिप गया है एक तारा आसमां में। जो सबसे प्यारा था इस जहां में। ले गया है अपनी परछाई भी यहां से। कर गया है हमको तन्हा बीच राह में। छिप गया है एक तारा आसमां में। जो सबसे प्यारा था इस जहां में। तेरे जाने के बाद सब खाली सा लगता है। ना ईद, ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और सूख गया है गुलशन भी तेरे जाने से। मुझे तो तू इस गुलशन के माली सा लगता है। रह गया है कोई तन्हा इस जहां में छिप गया है एक तारा आसमां में। ले गया है अपनी परछाई भी यहां से। कर गया है हमको तन्हा बीच राह में। ©Sandip rohilla

#sad_dp  छिप गया है एक तारा आसमां में।
जो सबसे प्यारा था इस जहां में।

 ले गया है अपनी परछाई भी यहां से।
कर गया है हमको तन्हा बीच राह में।

छिप गया है एक तारा आसमां में।
जो सबसे प्यारा था इस जहां में।
 
तेरे जाने के बाद सब खाली सा लगता है।
ना ईद, ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है।

और सूख गया है गुलशन भी तेरे जाने से।
मुझे तो तू इस गुलशन के माली सा लगता है।
 
रह गया है कोई तन्हा इस जहां में 
छिप गया है एक तारा आसमां में।

 ले गया है अपनी परछाई भी यहां से।
कर गया है हमको तन्हा बीच राह में।

©Sandip rohilla
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