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New krittika nakshatra vrishabha rashi marriage Status, Photo, Video

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White लालबहादुर शास्त्री जी, के जयंती की हार्दिक शुभकामनाये🙏🙏 जय जवान जय किसान 🇵🇾🚩 ©Rashi

#कोट्स #gandhi_jayanti #Rashi  White लालबहादुर शास्त्री जी,
 के जयंती की हार्दिक
 शुभकामनाये🙏🙏

जय जवान जय किसान 🇵🇾🚩

©Rashi

मूर्खों की दुनिया मे, सही बात भी बोलोगे तो गलत ही समझे जाओगे ©Rashi

#कोट्स #duniya #Rashi  मूर्खों की दुनिया मे,
सही बात भी बोलोगे तो
गलत ही समझे जाओगे

©Rashi

#Rashi #duniya

18 Love

#लव #Song  #Rashi

#Rashi #Song

243 View

White जन्म जो हुआ है तेरा, निश्चित ही मृत्यु भी होगी, बना के डेरा, कौन करता रहा यहां बसेरा, सोच तो लोगों की होती है, नहीं है कभी हम यहां से जाने वाले, पर बुलावा तो, एक-एक का, निश्चित है आने वाले। लोगों की जेबे देख, दोस्ती निभाने में, कहां करते हो, किसी से तुम प्यार बहुत ? लोगों की बातें, दिल मे दबा के बैठे, सोचते हो, जीवन चिंता मुक्त रहे बहुत, मुश्किल ये नहीं की, तुम रहना चाहते हो यहां बहुत, पर दुःख ये है, कहां रहते हो तुम खुश बहुत? बाशिंदे ज्यादा दिन के नही, पर मेरा-मेरा की आन में, किसी से दिल खोल, मिलते कहां हो तुम बहुत? ना जाने किस खुश फहमी में, खोए रहते हो तुम, संचय कर लो सबकुछ, फिर भी नहीं रह पाओगे, तुम यहाँ बहुत । सब कुछ धरा पर, धरा ही रह जाएगा, उसका उपयोग कोई और, कर इठलायेगा, और अर्थी पे कंधा देता, हुआ कहता जाएगा, अच्छे थे ये बहुत, इतना ही तु ले के, अपने साथ जाएगा, पर तु कहता है, मैंने संचय किया है, अब तक धन बहुत । ©Rashi

#कविता #good_night #Rashi  White जन्म जो हुआ है तेरा,
निश्चित ही मृत्यु भी होगी, 
बना के डेरा,
कौन करता रहा यहां बसेरा,
सोच तो लोगों की होती है,
नहीं है कभी हम यहां से जाने वाले,
पर बुलावा तो,
एक-एक का,
निश्चित है आने वाले।

लोगों की जेबे देख,
दोस्ती निभाने में,
कहां करते हो,
किसी से तुम प्यार बहुत ?
लोगों की बातें,
दिल मे दबा के बैठे,
सोचते हो,
जीवन चिंता मुक्त रहे बहुत, 
मुश्किल ये नहीं की,
तुम रहना चाहते हो यहां बहुत,
पर दुःख ये है,
कहां रहते हो तुम खुश बहुत?

बाशिंदे ज्यादा दिन के नही, 
पर मेरा-मेरा की आन में,
किसी से दिल खोल,
मिलते कहां हो तुम बहुत?
ना जाने किस खुश फहमी में,
खोए रहते हो तुम,
संचय कर लो सबकुछ,
फिर भी नहीं रह पाओगे,
तुम यहाँ बहुत ।

सब कुछ धरा पर,
धरा ही रह जाएगा, 
उसका उपयोग कोई और,
कर इठलायेगा,
और अर्थी पे कंधा देता,
हुआ कहता जाएगा,
अच्छे थे ये बहुत,
इतना ही तु ले के,
अपने साथ जाएगा,
पर तु कहता है,
मैंने संचय किया है,
अब तक धन बहुत ।

©Rashi

White लालबहादुर शास्त्री जी, के जयंती की हार्दिक शुभकामनाये🙏🙏 जय जवान जय किसान 🇵🇾🚩 ©Rashi

#कोट्स #gandhi_jayanti #Rashi  White लालबहादुर शास्त्री जी,
 के जयंती की हार्दिक
 शुभकामनाये🙏🙏

जय जवान जय किसान 🇵🇾🚩

©Rashi

मूर्खों की दुनिया मे, सही बात भी बोलोगे तो गलत ही समझे जाओगे ©Rashi

#कोट्स #duniya #Rashi  मूर्खों की दुनिया मे,
सही बात भी बोलोगे तो
गलत ही समझे जाओगे

©Rashi

#Rashi #duniya

18 Love

#लव #Song  #Rashi

#Rashi #Song

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White जन्म जो हुआ है तेरा, निश्चित ही मृत्यु भी होगी, बना के डेरा, कौन करता रहा यहां बसेरा, सोच तो लोगों की होती है, नहीं है कभी हम यहां से जाने वाले, पर बुलावा तो, एक-एक का, निश्चित है आने वाले। लोगों की जेबे देख, दोस्ती निभाने में, कहां करते हो, किसी से तुम प्यार बहुत ? लोगों की बातें, दिल मे दबा के बैठे, सोचते हो, जीवन चिंता मुक्त रहे बहुत, मुश्किल ये नहीं की, तुम रहना चाहते हो यहां बहुत, पर दुःख ये है, कहां रहते हो तुम खुश बहुत? बाशिंदे ज्यादा दिन के नही, पर मेरा-मेरा की आन में, किसी से दिल खोल, मिलते कहां हो तुम बहुत? ना जाने किस खुश फहमी में, खोए रहते हो तुम, संचय कर लो सबकुछ, फिर भी नहीं रह पाओगे, तुम यहाँ बहुत । सब कुछ धरा पर, धरा ही रह जाएगा, उसका उपयोग कोई और, कर इठलायेगा, और अर्थी पे कंधा देता, हुआ कहता जाएगा, अच्छे थे ये बहुत, इतना ही तु ले के, अपने साथ जाएगा, पर तु कहता है, मैंने संचय किया है, अब तक धन बहुत । ©Rashi

#कविता #good_night #Rashi  White जन्म जो हुआ है तेरा,
निश्चित ही मृत्यु भी होगी, 
बना के डेरा,
कौन करता रहा यहां बसेरा,
सोच तो लोगों की होती है,
नहीं है कभी हम यहां से जाने वाले,
पर बुलावा तो,
एक-एक का,
निश्चित है आने वाले।

लोगों की जेबे देख,
दोस्ती निभाने में,
कहां करते हो,
किसी से तुम प्यार बहुत ?
लोगों की बातें,
दिल मे दबा के बैठे,
सोचते हो,
जीवन चिंता मुक्त रहे बहुत, 
मुश्किल ये नहीं की,
तुम रहना चाहते हो यहां बहुत,
पर दुःख ये है,
कहां रहते हो तुम खुश बहुत?

बाशिंदे ज्यादा दिन के नही, 
पर मेरा-मेरा की आन में,
किसी से दिल खोल,
मिलते कहां हो तुम बहुत?
ना जाने किस खुश फहमी में,
खोए रहते हो तुम,
संचय कर लो सबकुछ,
फिर भी नहीं रह पाओगे,
तुम यहाँ बहुत ।

सब कुछ धरा पर,
धरा ही रह जाएगा, 
उसका उपयोग कोई और,
कर इठलायेगा,
और अर्थी पे कंधा देता,
हुआ कहता जाएगा,
अच्छे थे ये बहुत,
इतना ही तु ले के,
अपने साथ जाएगा,
पर तु कहता है,
मैंने संचय किया है,
अब तक धन बहुत ।

©Rashi
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