हे नंदलाल, मोहन प्यारे,
मन मोहन, रसिया न्यारे।
मुरली की धुन, गूंजे कानों में,
प्रेम सुधा बरसे आननद गगन में।
श्याम सुंदर, गोपाल प्यारे,
यमुना किनारे लीला निहारे।
गोपियों संग रास रचाते,
प्रेम की गाथा सबको सुनाते।
हे गोवर्धनधारी, करुणा के सागर,
तेरी शरण में जीवन संवार।
मन के अंधकार हरने वाले,
प्रेम ज्योति जगाने वाले।
राधा के संग तू ब्रज का तारा,
तेरे बिना अधूरा संसार सारा।
तेरे नाम की महिमा अपरंपार,
तेरा नाम जीवन का आधार।
हे कृष्ण, तेरी मुरली की धुन सुनें,
तेरे चरणों में हम सब झुकें।
शरणागत को तू अपनाता है,
हर दुःख को पल में हर जाता है।
जय श्री कृष्ण!
©kbkiranbisht
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