tags

New छाम छाम बाजे पाँव Status, Photo, Video

Find the latest Status about छाम छाम बाजे पाँव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about छाम छाम बाजे पाँव.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#sad_quotes #pujaudeshi #crime  White गहरी बात......
दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना 
हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात 
आती हैं तो खुद क़ो नहीं दूसरो क़ो आसानी से 
दर्द दिया जाता हैं ना उम्र का लिहाज ना कोई 
पर्दा होता हैं बस जिस्म की प्यास और पागल 
पन का जनून जो इतना घातक हैं खुद के लिए 
भी और जिसको दे रहे हो, अपने लिए मौत माँग 
रहे हो क्या जो सही गलत का एहसास जाता रहा 
दर्द,,,, तुम्हे भी होगा पर तब तक बहुत देर हो चुकी होंगी, फंदा गले मे कस जाएगा जान अटक 
जाएगी गर्दन टूट कर झूल जाएगी और पाँव ज़मीन छू ना पाएगे ऐसी मौत का इंतज़ाम ना कर दर्द क़ो जान 
ले रे बंदे जुल्म ना कर,,, please जुल्म ना कर..
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻, 🥹🥹

©puja udeshi

#sad_quotes #pujaudeshi #crime गहरी बात...... दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात आती हैं त

360 View

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

17 Love

#Indian_flag  White सबने वंदेमातरम् गाया है 
हिम्मत नहीं कि आँख 
उठा के देख ले कोई 
जुर्रत जिसने भी की
मिट गया वहीं का वही
गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है
             मिट्टी का तिलक लगाने वाले
             धरती के पाँव छूते है
              जिस जमीन तिरंगा लगे
              उसके सजदे करते हैं 
             भगत आजाद झांसी की रानी जैसा
               सब पर देश भक्ति का जुनून छाया है 
 गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है
 गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है

©Parul Sharma

गगन में तिरंगा लहराया है  सबने वंदेमातरम् गाया है  हिम्मत नहीं कि आँख  उठा के देख ले कोई  जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर

126 View

#sad_quotes #pujaudeshi #crime  White गहरी बात......
दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना 
हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात 
आती हैं तो खुद क़ो नहीं दूसरो क़ो आसानी से 
दर्द दिया जाता हैं ना उम्र का लिहाज ना कोई 
पर्दा होता हैं बस जिस्म की प्यास और पागल 
पन का जनून जो इतना घातक हैं खुद के लिए 
भी और जिसको दे रहे हो, अपने लिए मौत माँग 
रहे हो क्या जो सही गलत का एहसास जाता रहा 
दर्द,,,, तुम्हे भी होगा पर तब तक बहुत देर हो चुकी होंगी, फंदा गले मे कस जाएगा जान अटक 
जाएगी गर्दन टूट कर झूल जाएगी और पाँव ज़मीन छू ना पाएगे ऐसी मौत का इंतज़ाम ना कर दर्द क़ो जान 
ले रे बंदे जुल्म ना कर,,, please जुल्म ना कर..
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻, 🥹🥹

©puja udeshi

#sad_quotes #pujaudeshi #crime गहरी बात...... दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात आती हैं त

360 View

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

17 Love

#Indian_flag  White सबने वंदेमातरम् गाया है 
हिम्मत नहीं कि आँख 
उठा के देख ले कोई 
जुर्रत जिसने भी की
मिट गया वहीं का वही
गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है
             मिट्टी का तिलक लगाने वाले
             धरती के पाँव छूते है
              जिस जमीन तिरंगा लगे
              उसके सजदे करते हैं 
             भगत आजाद झांसी की रानी जैसा
               सब पर देश भक्ति का जुनून छाया है 
 गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है
 गगन में तिरंगा लहराया है 
सबने वंदेमातरम् गाया है

©Parul Sharma

गगन में तिरंगा लहराया है  सबने वंदेमातरम् गाया है  हिम्मत नहीं कि आँख  उठा के देख ले कोई  जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर

126 View

Trending Topic