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New वतन की फ़िक्र कर नादाँ Status, Photo, Video

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White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI

#परिवार #वतन #usfauji  White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं 
जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं 

लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो 
मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए
🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳

©usFAUJI

ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto

22 Love

#beingoriginal #nojotohindi

वतन.. #beingoriginal #nojotohindi

135 View

तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

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लग जा गले मुझे है तेरी हर घड़ी फ़िक्र.! कैसे करूं मैं तेरी फ़िक्र.! करता हूं जो मैं तेरी फ़िक्र.! एहसासों में जो है मेरे हर पल.! फिर तुम्हे याद कर या.! तुम्हे अपना बनाकर.!  तुम्हारी आहटों को सुनकर.!  या धड़कनों में बसाकर.! करता रहूंगा मैं तेरी फ़िक्र..!! @वकील साहब✍️ ©love you zindagi

#हर_घड़ी #फ़िक्र #dilkibaat #साथ  लग जा गले मुझे है तेरी हर घड़ी फ़िक्र.!

कैसे करूं मैं तेरी फ़िक्र.!

करता हूं जो मैं तेरी फ़िक्र.!

एहसासों में जो है मेरे हर पल.!

फिर तुम्हे याद कर या.!

तुम्हे अपना बनाकर.! 

तुम्हारी आहटों को सुनकर.! 

या धड़कनों में बसाकर.!

करता रहूंगा मैं तेरी फ़िक्र..!!

@वकील साहब✍️

©love you zindagi

White नहीं अफ़सोस करना है हमें थोड़ा सम्भलना है दिले नादाँ दिले नादाँ नहीं तुझको बहकना है मिलेगी बाद में मंजिल अभी काँटों में चलना है मुसीबत से न घबराना इन्हें इक रोज ढलना है जमाने कर न दे पीछे हमें आगे निकलना है कोई समझे हमें कुछ भी नहीं परवाह करना है लड़ेंगे हम तो तूफ़ाँ से हमें साहिल पहुँचना है न दौलत से न शौहरत से किसी की यार जलना है नसीबा खूँ पसीने से हमें अपना बदलना है ©अज्ञात

#कविता #दिले  White नहीं अफ़सोस करना है 
हमें थोड़ा सम्भलना है 

दिले नादाँ दिले नादाँ 
नहीं तुझको बहकना है
मिलेगी बाद में मंजिल 
अभी काँटों में चलना है 

मुसीबत से न घबराना 
इन्हें इक रोज ढलना है 
जमाने कर न दे पीछे
हमें आगे निकलना है 

कोई समझे हमें कुछ भी
नहीं परवाह करना है 
लड़ेंगे हम तो तूफ़ाँ से 
हमें साहिल पहुँचना है 

न दौलत से न शौहरत से
किसी की यार जलना है 
नसीबा खूँ पसीने से 
हमें अपना बदलना है

©अज्ञात

#दिले नादाँ

17 Love

#वीडियो

हिंदी की मां बहन एक कर दी

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White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI

#परिवार #वतन #usfauji  White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं 
जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं 

लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो 
मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए
🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳

©usFAUJI

ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto

22 Love

#beingoriginal #nojotohindi

वतन.. #beingoriginal #nojotohindi

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तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

18 Love

लग जा गले मुझे है तेरी हर घड़ी फ़िक्र.! कैसे करूं मैं तेरी फ़िक्र.! करता हूं जो मैं तेरी फ़िक्र.! एहसासों में जो है मेरे हर पल.! फिर तुम्हे याद कर या.! तुम्हे अपना बनाकर.!  तुम्हारी आहटों को सुनकर.!  या धड़कनों में बसाकर.! करता रहूंगा मैं तेरी फ़िक्र..!! @वकील साहब✍️ ©love you zindagi

#हर_घड़ी #फ़िक्र #dilkibaat #साथ  लग जा गले मुझे है तेरी हर घड़ी फ़िक्र.!

कैसे करूं मैं तेरी फ़िक्र.!

करता हूं जो मैं तेरी फ़िक्र.!

एहसासों में जो है मेरे हर पल.!

फिर तुम्हे याद कर या.!

तुम्हे अपना बनाकर.! 

तुम्हारी आहटों को सुनकर.! 

या धड़कनों में बसाकर.!

करता रहूंगा मैं तेरी फ़िक्र..!!

@वकील साहब✍️

©love you zindagi

White नहीं अफ़सोस करना है हमें थोड़ा सम्भलना है दिले नादाँ दिले नादाँ नहीं तुझको बहकना है मिलेगी बाद में मंजिल अभी काँटों में चलना है मुसीबत से न घबराना इन्हें इक रोज ढलना है जमाने कर न दे पीछे हमें आगे निकलना है कोई समझे हमें कुछ भी नहीं परवाह करना है लड़ेंगे हम तो तूफ़ाँ से हमें साहिल पहुँचना है न दौलत से न शौहरत से किसी की यार जलना है नसीबा खूँ पसीने से हमें अपना बदलना है ©अज्ञात

#कविता #दिले  White नहीं अफ़सोस करना है 
हमें थोड़ा सम्भलना है 

दिले नादाँ दिले नादाँ 
नहीं तुझको बहकना है
मिलेगी बाद में मंजिल 
अभी काँटों में चलना है 

मुसीबत से न घबराना 
इन्हें इक रोज ढलना है 
जमाने कर न दे पीछे
हमें आगे निकलना है 

कोई समझे हमें कुछ भी
नहीं परवाह करना है 
लड़ेंगे हम तो तूफ़ाँ से 
हमें साहिल पहुँचना है 

न दौलत से न शौहरत से
किसी की यार जलना है 
नसीबा खूँ पसीने से 
हमें अपना बदलना है

©अज्ञात

#दिले नादाँ

17 Love

#वीडियो

हिंदी की मां बहन एक कर दी

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