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White (अटपटा सा है कुछ ) # आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।। # मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।। # मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।। # जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।। # दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।। # जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो । # मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो । ©#शून्य राणा

 White (अटपटा सा है कुछ )
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आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।।
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मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।।
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मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।।
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जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है  जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।।
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दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर  मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।।
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जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो ।
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मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो ।

©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी @Sircastic Saurabh बाबा ब्राऊनबियर्ड @Anudeep "सीमा"अमन सिंह Vinod singh sijwali

21 Love

#मोटिवेशनल #motivationकीआग #Youtubeshorts #Motivational #youtubeShort

भरोसा का अर्थ है मां #follow #motivationकीआग #Motivational #Youtubeshorts #Youtube #youtubeShort

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White (भूल गया) उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।। # ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया ।। # अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।। # अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।। # तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।। # बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।। # वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।। # बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।। # कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।। # सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।। ©#शून्य राणा

 White (भूल गया)
उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।।
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ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया  ।।
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अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।।
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अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।।
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तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।।
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बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।।
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वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।।
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बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।।
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कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।।
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सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।।

©#शून्य राणा

#sad_quotes #भूल गया #शराब#मयकशी @Sircastic Saurabh नीर @Munni बाबा ब्राऊनबियर्ड Shira

27 Love

नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है । ©Lõkêsh

 नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है ।

©Lõkêsh

नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂

12 Love

#beingoriginal #nojotohindi #poem

अर्थ, क्रांतिकारी #beingoriginal #nojotohindi #poem

468 View

#मोटिवेशनल #mediation #gone

#gone ज्ञान का अर्थ मात्र एकाग्रता नहीं अपितु श्रेष्ठ विचारों की तन्यता भी हैby @Shivpoojantiwari #mediation ka arth

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White (अटपटा सा है कुछ ) # आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।। # मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।। # मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।। # जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।। # दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।। # जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो । # मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो । ©#शून्य राणा

 White (अटपटा सा है कुछ )
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आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।।
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मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।।
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मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।।
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जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है  जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।।
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दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर  मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।।
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जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो ।
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मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो ।

©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी @Sircastic Saurabh बाबा ब्राऊनबियर्ड @Anudeep "सीमा"अमन सिंह Vinod singh sijwali

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भरोसा का अर्थ है मां #follow #motivationकीआग #Motivational #Youtubeshorts #Youtube #youtubeShort

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White (भूल गया) उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।। # ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया ।। # अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।। # अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।। # तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।। # बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।। # वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।। # बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।। # कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।। # सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।। ©#शून्य राणा

 White (भूल गया)
उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।।
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ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया  ।।
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अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।।
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अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।।
#
तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।।
#
बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।।
#
वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।।
#
बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।।
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कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।।
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सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।।

©#शून्य राणा

#sad_quotes #भूल गया #शराब#मयकशी @Sircastic Saurabh नीर @Munni बाबा ब्राऊनबियर्ड Shira

27 Love

नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है । ©Lõkêsh

 नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है ।

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नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂

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#beingoriginal #nojotohindi #poem

अर्थ, क्रांतिकारी #beingoriginal #nojotohindi #poem

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#gone ज्ञान का अर्थ मात्र एकाग्रता नहीं अपितु श्रेष्ठ विचारों की तन्यता भी हैby @Shivpoojantiwari #mediation ka arth

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