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#कन्हाई #रघुराई #भक्ति #योगी #जोगी #माई
#कोट्स #philosophical #fundaoflife #lifequotes #YoursBuddy

जियो और जीने दो #Original #ownvoice #thought #lifequotes #philosophical #fundaoflife #YoursBuddy #YoursImran

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White जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो ©Ashraf Fani

#शायरी #life_quotes #ashraffani  White जीना  है तो  सर उठा के जियो
हालात से नज़रें मिला के जियो

©Ashraf Fani

जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो #ashraffani #life_quotes शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी

18 Love

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

White स्नेह का जमघट, भेद भाव से परे; भरा पनघट ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण करता यह छठी माई का त्योहार नए भारत ,स्वच्छ भारत , प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं! इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा । ।।जय छठी मईया।। ©लेखक ओझा

#GoodMorning #wishes  White स्नेह का जमघट,
भेद भाव से परे; भरा पनघट
ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण
करता यह छठी माई का त्योहार
नए भारत ,स्वच्छ भारत ,
प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं!

इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर
आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा ।

।।जय छठी मईया।।

©लेखक ओझा

#GoodMorning जय छठी माई

11 Love

#philosophical #fundaoflife #lifequotes #YoursBuddy #YoursImran
#कन्हाई #रघुराई #भक्ति #योगी #जोगी #माई
#कोट्स #philosophical #fundaoflife #lifequotes #YoursBuddy

जियो और जीने दो #Original #ownvoice #thought #lifequotes #philosophical #fundaoflife #YoursBuddy #YoursImran

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White जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो ©Ashraf Fani

#शायरी #life_quotes #ashraffani  White जीना  है तो  सर उठा के जियो
हालात से नज़रें मिला के जियो

©Ashraf Fani

जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो #ashraffani #life_quotes शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी

18 Love

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

White स्नेह का जमघट, भेद भाव से परे; भरा पनघट ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण करता यह छठी माई का त्योहार नए भारत ,स्वच्छ भारत , प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं! इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा । ।।जय छठी मईया।। ©लेखक ओझा

#GoodMorning #wishes  White स्नेह का जमघट,
भेद भाव से परे; भरा पनघट
ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण
करता यह छठी माई का त्योहार
नए भारत ,स्वच्छ भारत ,
प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं!

इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर
आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा ।

।।जय छठी मईया।।

©लेखक ओझा

#GoodMorning जय छठी माई

11 Love

#philosophical #fundaoflife #lifequotes #YoursBuddy #YoursImran
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