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New मनका दा मुंडा Status, Photo, Video

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White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ, चलो नया इक घर बनाते हैं। भटक गए हैं जो अपने रास्तों से, चलो उन्हें राह दिखाते हैं। चलो इंसान को इंसान बनाते हैं, जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं। जो मासूमियत दब रही है धूल में, चलो उसे आईना दिखाते हैं। दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में, चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं। जो टूट गए हैं डर के साए में, चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #quoteoftheday #wordsofwisdom #quotestagram #yourquote  Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ,
चलो नया इक घर बनाते हैं।
भटक गए हैं जो अपने रास्तों से,
चलो उन्हें राह दिखाते हैं।

चलो इंसान को इंसान बनाते हैं,
जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं।
जो मासूमियत दब रही है धूल में,
चलो उसे आईना दिखाते हैं।

दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में,
चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं।
जो टूट गए हैं डर के साए में,
चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से

10 Love

White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा, गुज़रा वक्त भी सता रहा था। जिक्र उनका अब जरूरी नहीं, खयालों में डूबता जा रहा था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Sad_Status  White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

14 Love

White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ, चलो नया इक घर बनाते हैं। भटक गए हैं जो अपने रास्तों से, चलो उन्हें राह दिखाते हैं। चलो इंसान को इंसान बनाते हैं, जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं। जो मासूमियत दब रही है धूल में, चलो उसे आईना दिखाते हैं। दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में, चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं। जो टूट गए हैं डर के साए में, चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #quoteoftheday #wordsofwisdom #quotestagram #yourquote  Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ,
चलो नया इक घर बनाते हैं।
भटक गए हैं जो अपने रास्तों से,
चलो उन्हें राह दिखाते हैं।

चलो इंसान को इंसान बनाते हैं,
जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं।
जो मासूमियत दब रही है धूल में,
चलो उसे आईना दिखाते हैं।

दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में,
चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं।
जो टूट गए हैं डर के साए में,
चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से

10 Love

White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा, गुज़रा वक्त भी सता रहा था। जिक्र उनका अब जरूरी नहीं, खयालों में डूबता जा रहा था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Sad_Status  White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

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