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#कविता

पुरानी यादें बचपन की

135 View

लहरों में हम ढूंढ रहे मंज़िल अपनी यादों के सागर में गुमसुम बैठे हैं lehro me ham dhondh rahe manzil apni yado ke sagar me gum sum baithe hai ©Gazal

#लहरों #शायरी #यादों #sagar #Sea  लहरों में हम ढूंढ रहे मंज़िल अपनी
यादों के सागर में गुमसुम बैठे हैं
lehro me ham dhondh rahe manzil apni
yado ke sagar me gum sum baithe hai

©Gazal

#Sea #sagar शायरी हिंदी में शायरी लव शायरी दर्द #लहरों #यादों

15 Love

 White अभी आखें खुली तो
अहसास हुवा 
तुम मेरे कमरे में थी,
हा अभी तक तुम्हारी खुशबू मौजूद है मेरे शर्ट पर
आधा भरा गिलास और कुछ बाते जो 
तुम लिख कर चली गई थी.
तुम्हारे बाल कुछ टूटे पड़े थे बिस्तर पे
सिसकती सांसे
 मानो अभी भी गूंज रही हो मेरे कानों में
शायद तुम कुछ बताना चाहती थी.
पता नही अब पूरा चांद कब निकले
या तुम वापस आओ किसी रात
........
आज भी तुम्हारा इंतजार है
हा आज भी जाया करता हु उसी पत्थर के पास
जहा हमारी पहली मुलाकात हुई थी.

©बदनाम

पुरानी याद

171 View

#कविता                 यादों की बारिश  एक बूदों भरी शाम तेरी याद ने रुलाया मुझे,  
जब हद से ज्यादा मोहब्बत थी तो क्यों न बताया मुझे| एक उम्मीद थीं तेरे  लौट आने की मुझे, 
 लेकिन उस उम्मीद  ने भी उदास किया मुझे |    महफिल में अकेले हो तो तू आसपास हो मेरे, 
 बस इतनी सी ही हसरत तुझसे थी मुझे | 
आज फिर से बरसात वाली शाम है,  
तू नहीं, बस तेरी यादें ही साथ है | 
कैसे कहूं कि यह सिर्फ बारिश  नहीं,  
    ये तो तेरी  यादों की बारिश हैं |                                 - योगेश कुमार  ...

©Yogesh Kumar

यादों की बारिश

90 View

मैंने लिखा था बहुत पहले....... कि, थकान की किमत तुझे पता कहां....? चले थे बड़े शौक से वक्त ए बर्बादी करने सो देख अब, वो कहां..... और मैं कहां...? अज़िय्यत शाख पे तो ठंडी हवा आती थी उसे वक्त दें देकर , रातें दो तीन हो जाती थी पूछने पर वो ख़ामोश शब्दें कहती थी...... और दुसरे हाथों से लुप्त ए इश्क़ मनातीं थी... घंटों बैठकर इसी कुर्सी पे खाली आसमां देखता था लौटकर आएंगी इसी सोच में तो रात से दिन निकल जाता था..... आज देखा कि, खिलता गुलाब उसके होंठों पे... और धुमिल होते देखा वक्त की चांद को उसके पैरों पे...! ©Dev Rishi

#कविता  मैंने लिखा था बहुत पहले....... 
 कि, थकान की किमत तुझे पता कहां....?
चले थे बड़े शौक से वक्त ए बर्बादी करने 
सो देख अब, वो कहां..... और मैं कहां...?
अज़िय्यत शाख पे तो ठंडी हवा आती थी 
उसे वक्त दें देकर , रातें दो तीन हो जाती थी
पूछने पर  वो ख़ामोश शब्दें कहती थी...... 
और दुसरे हाथों से लुप्त ए इश्क़ मनातीं थी... 
घंटों बैठकर इसी कुर्सी पे खाली आसमां देखता था 
लौटकर आएंगी इसी सोच में तो रात से दिन निकल जाता था.....
आज देखा कि, खिलता गुलाब उसके होंठों पे... 
और धुमिल होते देखा वक्त की चांद को उसके पैरों पे...!

©Dev Rishi

कुर्सी, यादों की..! प्रेम कविता

11 Love

#dilkibaat  White आजकल छोड़ ही दिया लिखना, 
कलम से उजाकर राज बहुत होते हैं। 

दिल की बातें दिल में ही दबी रहना ठीक है, 
जुबां से कहने पर इतराज बहुत होते हैं।

रातों की नींदें चुराने वाले किस्से,
 अब कागजों पर बयां नहीं होते। 

 दिल की बात लिखने को 
मुस्तैद हाथ नही होते है।।

©Mandholia Sumit

#dilkibaat शायरी @Aa_se_Aanchal_jangir9999999 @ayesha Siddique पुरानी यादें @Hiyan Chopda

2,529 View

#कविता

पुरानी यादें बचपन की

135 View

लहरों में हम ढूंढ रहे मंज़िल अपनी यादों के सागर में गुमसुम बैठे हैं lehro me ham dhondh rahe manzil apni yado ke sagar me gum sum baithe hai ©Gazal

#लहरों #शायरी #यादों #sagar #Sea  लहरों में हम ढूंढ रहे मंज़िल अपनी
यादों के सागर में गुमसुम बैठे हैं
lehro me ham dhondh rahe manzil apni
yado ke sagar me gum sum baithe hai

©Gazal

#Sea #sagar शायरी हिंदी में शायरी लव शायरी दर्द #लहरों #यादों

15 Love

 White अभी आखें खुली तो
अहसास हुवा 
तुम मेरे कमरे में थी,
हा अभी तक तुम्हारी खुशबू मौजूद है मेरे शर्ट पर
आधा भरा गिलास और कुछ बाते जो 
तुम लिख कर चली गई थी.
तुम्हारे बाल कुछ टूटे पड़े थे बिस्तर पे
सिसकती सांसे
 मानो अभी भी गूंज रही हो मेरे कानों में
शायद तुम कुछ बताना चाहती थी.
पता नही अब पूरा चांद कब निकले
या तुम वापस आओ किसी रात
........
आज भी तुम्हारा इंतजार है
हा आज भी जाया करता हु उसी पत्थर के पास
जहा हमारी पहली मुलाकात हुई थी.

©बदनाम

पुरानी याद

171 View

#कविता                 यादों की बारिश  एक बूदों भरी शाम तेरी याद ने रुलाया मुझे,  
जब हद से ज्यादा मोहब्बत थी तो क्यों न बताया मुझे| एक उम्मीद थीं तेरे  लौट आने की मुझे, 
 लेकिन उस उम्मीद  ने भी उदास किया मुझे |    महफिल में अकेले हो तो तू आसपास हो मेरे, 
 बस इतनी सी ही हसरत तुझसे थी मुझे | 
आज फिर से बरसात वाली शाम है,  
तू नहीं, बस तेरी यादें ही साथ है | 
कैसे कहूं कि यह सिर्फ बारिश  नहीं,  
    ये तो तेरी  यादों की बारिश हैं |                                 - योगेश कुमार  ...

©Yogesh Kumar

यादों की बारिश

90 View

मैंने लिखा था बहुत पहले....... कि, थकान की किमत तुझे पता कहां....? चले थे बड़े शौक से वक्त ए बर्बादी करने सो देख अब, वो कहां..... और मैं कहां...? अज़िय्यत शाख पे तो ठंडी हवा आती थी उसे वक्त दें देकर , रातें दो तीन हो जाती थी पूछने पर वो ख़ामोश शब्दें कहती थी...... और दुसरे हाथों से लुप्त ए इश्क़ मनातीं थी... घंटों बैठकर इसी कुर्सी पे खाली आसमां देखता था लौटकर आएंगी इसी सोच में तो रात से दिन निकल जाता था..... आज देखा कि, खिलता गुलाब उसके होंठों पे... और धुमिल होते देखा वक्त की चांद को उसके पैरों पे...! ©Dev Rishi

#कविता  मैंने लिखा था बहुत पहले....... 
 कि, थकान की किमत तुझे पता कहां....?
चले थे बड़े शौक से वक्त ए बर्बादी करने 
सो देख अब, वो कहां..... और मैं कहां...?
अज़िय्यत शाख पे तो ठंडी हवा आती थी 
उसे वक्त दें देकर , रातें दो तीन हो जाती थी
पूछने पर  वो ख़ामोश शब्दें कहती थी...... 
और दुसरे हाथों से लुप्त ए इश्क़ मनातीं थी... 
घंटों बैठकर इसी कुर्सी पे खाली आसमां देखता था 
लौटकर आएंगी इसी सोच में तो रात से दिन निकल जाता था.....
आज देखा कि, खिलता गुलाब उसके होंठों पे... 
और धुमिल होते देखा वक्त की चांद को उसके पैरों पे...!

©Dev Rishi

कुर्सी, यादों की..! प्रेम कविता

11 Love

#dilkibaat  White आजकल छोड़ ही दिया लिखना, 
कलम से उजाकर राज बहुत होते हैं। 

दिल की बातें दिल में ही दबी रहना ठीक है, 
जुबां से कहने पर इतराज बहुत होते हैं।

रातों की नींदें चुराने वाले किस्से,
 अब कागजों पर बयां नहीं होते। 

 दिल की बात लिखने को 
मुस्तैद हाथ नही होते है।।

©Mandholia Sumit

#dilkibaat शायरी @Aa_se_Aanchal_jangir9999999 @ayesha Siddique पुरानी यादें @Hiyan Chopda

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