गरीब की ज़िंदगी
सुख की उम्मीद बस खुशी की प्रतीक्षा है
गरीबी की जिंदगी, एक कठिन परीक्षा है,
हर एक दिन नई चुनौती का सामना है।
सुविधाओं के नाम पर बस रोटी की कामना है
सब के प्रति मन में श्रद्धा के भाव है
अमीरों के दिलों में उसके प्रति सम्मान का अभाव है।
गरीबी की जिंदगी, एक दर्दनाक सच्चाई है।
उसकी दिहाड़ी समानुपात में ना बढाई है
500 कमाता है 600 खर्च होता है
इस कदर बढ़ गई देश में महंगाई है
बच्चों की आँखें, खुशियों से वंचित हैं,
माता-पिता की आँखें, चिंता से संचित हैं।
अन्याय अत्याचार से उसका गहरा नाता है
अधिकार नहीं कोई बस कर्तव्यों को निभाता हैं
लेकिन फिर भी, गरीब को नहीं माननी चाहिए हार
संघर्षों के आगे ही सफलता करती इंतजार।
बच्चों को शिक्षित करो यही है केवल उपाय।
तभी मिलेगा रोजगार,समानता और सामाजिक न्याय।
©Vijay Vidrohi
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