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White Impossible can say ..i m possible अज्ञान से ज्ञान निकल सकता है परांतु असम्मान से सम्मान कभी नहीं निकलता है ©neelu

#असम्मान #सम्मान #अज्ञान #निकल #sunset_time  White Impossible can say ..i m possible 
अज्ञान से ज्ञान निकल सकता है
 परांतु
असम्मान  से सम्मान कभी नहीं निकलता है

©neelu

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22 Love

White बून्द बून्द कर मेरे दिमाग़ केकलश मे दुनिया वालो ने जो कुछ भरा मैंने कभी विरोध नही किया लेकिन एक दिन ज़ब वो कलश गले तक भरने के बाद टूटा तो मैंने देखा पाया वो अज्ञान का ज़हर था ©Parasram Arora

#कविता  White बून्द बून्द  कर
मेरे दिमाग़ केकलश मे 
दुनिया वालो ने  
जो कुछ भरा 
मैंने कभी विरोध नही किया 

लेकिन एक दिन 
ज़ब वो कलश गले तक
भरने के बाद टूटा तो 
मैंने देखा  पाया वो
 अज्ञान का ज़हर था

©Parasram Arora

अज्ञान का जहर

16 Love

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती। भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए. ©person

 गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?


यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती।

भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: 
 
हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. 
 
मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. 
 
मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. 
 
अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. 
 
उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. 
 
भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए.

©person

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

18 Love

White बात बात में देने वाले ज्ञान, ऐसे अज्ञान लोगों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...! 🙏🏻 ©Himanshu Prajapati

#कॉमेडी #happyteddyday #teachers_day #hpstrange #36gyan  White बात बात में देने वाले ज्ञान, 
ऐसे अज्ञान लोगों को
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...!
🙏🏻

©Himanshu Prajapati

#teachers_day बात बात में देने वाले ज्ञान, ऐसे अज्ञान लोगों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...! 🙏🏻 #happyteddyday #hpstrange #36gyan 'कॉमेडी

11 Love

White Impossible can say ..i m possible अज्ञान से ज्ञान निकल सकता है परांतु असम्मान से सम्मान कभी नहीं निकलता है ©neelu

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अज्ञान से ज्ञान निकल सकता है
 परांतु
असम्मान  से सम्मान कभी नहीं निकलता है

©neelu

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22 Love

White बून्द बून्द कर मेरे दिमाग़ केकलश मे दुनिया वालो ने जो कुछ भरा मैंने कभी विरोध नही किया लेकिन एक दिन ज़ब वो कलश गले तक भरने के बाद टूटा तो मैंने देखा पाया वो अज्ञान का ज़हर था ©Parasram Arora

#कविता  White बून्द बून्द  कर
मेरे दिमाग़ केकलश मे 
दुनिया वालो ने  
जो कुछ भरा 
मैंने कभी विरोध नही किया 

लेकिन एक दिन 
ज़ब वो कलश गले तक
भरने के बाद टूटा तो 
मैंने देखा  पाया वो
 अज्ञान का ज़हर था

©Parasram Arora

अज्ञान का जहर

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गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती। भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए. ©person

 गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?


यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती।

भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: 
 
हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. 
 
मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. 
 
मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. 
 
अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. 
 
उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. 
 
भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए.

©person

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

18 Love

White बात बात में देने वाले ज्ञान, ऐसे अज्ञान लोगों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...! 🙏🏻 ©Himanshu Prajapati

#कॉमेडी #happyteddyday #teachers_day #hpstrange #36gyan  White बात बात में देने वाले ज्ञान, 
ऐसे अज्ञान लोगों को
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...!
🙏🏻

©Himanshu Prajapati

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