आज अख़बार में एक ख़बर पढ़ी कि,सिर्फ़ 15 साल की
एक बच्ची की स्कूल में ही heart attack से अचानक मौत हो गई।
यूॅं तो पहले भी पढ़ी और सुनी हैं ऐसी बहुत सारी ख़बरें लेकिन
न जाने क्यूॅं ये ख़बर आज दिल पर कुछ ज़्यादा ही असर कर गई।
और फ़िर जब इस पर सोचा तो दिल में ये ख़याल आया कि ....
ये ज़रूरी तो नहीं कि इंसान किसी बीमारी से हि मर जाए,
बिना किसी बीमारी के भी इंसान को मौत तो आ ही जाती है।
बड़ी-बड़ी बीमारियों के साथ भी लोग सालों-साल जी लेते हैं और
किसी हट्टे-कट्टे इंसान के मौत की अचानक ही ख़बर मिल जाती है।
अक्सर बीमारों पर ही हम ज़्यादा तवज्जोह देते हैं लेकिन
अपनों की तवज्जोह की ज़रूरत तो हर इंसान को होती है।
अपनी मसरूफ़ीयत या फ़िर लापरवाही में हम ग़ौर ही नहीं करते कि,
कभी-कभी हमारी नज़र-अंदाज़ी भी किसी की पल-पल जान लेती हैं।
इसलिए अपनी ज़िंदगी में मौजूद हर इंसान की क़द्र कीजिए
क्यूॅंकि किसी को भी ये पता नहीं होता कि ...
किस की मौत किस वक़्त मुक़र्रर हुई होती है ।
न जाने कौन किस वक़्त हमेशा के लिए जुदा हो जाए हम से,
हमनें सोचा भी नहीं होता और ...
किसी के जिस्म से अचानक रूह परवाज़ कर जाती है ।
©Sh@kila Niy@z
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