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New humayun kabir poems trains Status, Photo, Video

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#Motivational #Trending #viral

Kabir Singh sigma #Trending #viral

72 View

#poetryunplugged #Motivational #poems

#poetryunplugged #poems #Poetry

108 View

#समय समय-समय की बात है ... पहले आम सी जिंदगी जीना पसंद करते थे, अब दिखावटी में इतने अंधे होते जा रहे है, न अपनों की और न ही अपने आप की खबर रखते है ।। ..... समय-समय की बात है... पहले एक-दूसरे के साथ बैठकर समय गुजारते थे, अब सभी मोबाईल की दुनिया में व्यस्त रहते है, बोल-चाल भूतकाल में आमने-सामने हुआ करती थी , परंतु वर्तमान में तो सभी फ़ोन में लगे रहते है ।। ... समय-समय की बात है, पहले बात-बात पर Divorce की बाते नहीं हुआ करती थी, परंतु वर्तमान में कुछ भी अन-बन होते ही, Divorce कर लेते है; और-तो-और निचा दिखाने की कोई कमी नहीं छोड़ते है ।। ... पहले के समय भले ही लोग कम पढ़े-लिखे होते थे, परंतु वर्तमान के समय से बेहतर रिश्ते निभाते थे।। .. ©I_surbhiladha

#कविता #isurbhiladha #समय #Time #Waqt  #समय 

समय-समय की बात है ...
पहले आम सी जिंदगी जीना पसंद करते थे,
अब दिखावटी में इतने अंधे होते जा रहे है,
न अपनों की और न ही अपने आप की खबर रखते है ।।
.....
समय-समय की बात है...
पहले एक-दूसरे के साथ बैठकर समय गुजारते थे,
अब सभी मोबाईल की दुनिया में व्यस्त रहते है,
बोल-चाल भूतकाल में आमने-सामने हुआ करती थी ,
परंतु वर्तमान में तो सभी फ़ोन में लगे रहते है ।।
...
समय-समय की बात है,
पहले बात-बात पर Divorce की बाते नहीं हुआ करती थी,
परंतु वर्तमान में कुछ भी अन-बन होते ही,
Divorce कर लेते है; और-तो-और निचा दिखाने की
 कोई कमी नहीं छोड़ते है ।।
...
पहले के समय भले ही लोग कम पढ़े-लिखे होते थे,
परंतु वर्तमान के समय से बेहतर रिश्ते निभाते थे।।

..

©I_surbhiladha
#कविता #good_night #poems  White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम 
लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी

#good_night #Poetry #poems

126 View

#World_Photography_Day #कविता  White मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगो के बीच अब रहना नही चाहती 
भरे बाज़ार मे छेड़ा गया मुझे
मेरी मदद को कोई आगे न बढ़ा 
हाथ सभी के बंधे थे दिखे
रिश्ता ऐसे लोगों से बना रिश्तों को गाली देना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मै रहना नही चाहती 
जिस्म की मंडी मे बेचती हूं जिस्म अपना  मगर
औरों की भांति ईमान बेच अपना शर्मिंदा होना नही चाहती
मैं अब इस दुनिया मे  आना नही चाहती 
नही चाहती इस  समाज का हिस्सा बनना 
बंद पिंजरे मे ठीक हूं मे 
खुले आसमान मे घात लगाए गिद्धों के बीच अब मै जाना नही चाहती 
पर काट दे ए मेरे खुदा ऊंचाइयों को अब मै छूना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया  में आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मे रहना नही चाहती

©sushil
#pageloveshayari #gaalibkihaveli #bpriyaSahu #Trains
#Motivational #Trending #viral

Kabir Singh sigma #Trending #viral

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#समय समय-समय की बात है ... पहले आम सी जिंदगी जीना पसंद करते थे, अब दिखावटी में इतने अंधे होते जा रहे है, न अपनों की और न ही अपने आप की खबर रखते है ।। ..... समय-समय की बात है... पहले एक-दूसरे के साथ बैठकर समय गुजारते थे, अब सभी मोबाईल की दुनिया में व्यस्त रहते है, बोल-चाल भूतकाल में आमने-सामने हुआ करती थी , परंतु वर्तमान में तो सभी फ़ोन में लगे रहते है ।। ... समय-समय की बात है, पहले बात-बात पर Divorce की बाते नहीं हुआ करती थी, परंतु वर्तमान में कुछ भी अन-बन होते ही, Divorce कर लेते है; और-तो-और निचा दिखाने की कोई कमी नहीं छोड़ते है ।। ... पहले के समय भले ही लोग कम पढ़े-लिखे होते थे, परंतु वर्तमान के समय से बेहतर रिश्ते निभाते थे।। .. ©I_surbhiladha

#कविता #isurbhiladha #समय #Time #Waqt  #समय 

समय-समय की बात है ...
पहले आम सी जिंदगी जीना पसंद करते थे,
अब दिखावटी में इतने अंधे होते जा रहे है,
न अपनों की और न ही अपने आप की खबर रखते है ।।
.....
समय-समय की बात है...
पहले एक-दूसरे के साथ बैठकर समय गुजारते थे,
अब सभी मोबाईल की दुनिया में व्यस्त रहते है,
बोल-चाल भूतकाल में आमने-सामने हुआ करती थी ,
परंतु वर्तमान में तो सभी फ़ोन में लगे रहते है ।।
...
समय-समय की बात है,
पहले बात-बात पर Divorce की बाते नहीं हुआ करती थी,
परंतु वर्तमान में कुछ भी अन-बन होते ही,
Divorce कर लेते है; और-तो-और निचा दिखाने की
 कोई कमी नहीं छोड़ते है ।।
...
पहले के समय भले ही लोग कम पढ़े-लिखे होते थे,
परंतु वर्तमान के समय से बेहतर रिश्ते निभाते थे।।

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©I_surbhiladha
#कविता #good_night #poems  White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम 
लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी

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#World_Photography_Day #कविता  White मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगो के बीच अब रहना नही चाहती 
भरे बाज़ार मे छेड़ा गया मुझे
मेरी मदद को कोई आगे न बढ़ा 
हाथ सभी के बंधे थे दिखे
रिश्ता ऐसे लोगों से बना रिश्तों को गाली देना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मै रहना नही चाहती 
जिस्म की मंडी मे बेचती हूं जिस्म अपना  मगर
औरों की भांति ईमान बेच अपना शर्मिंदा होना नही चाहती
मैं अब इस दुनिया मे  आना नही चाहती 
नही चाहती इस  समाज का हिस्सा बनना 
बंद पिंजरे मे ठीक हूं मे 
खुले आसमान मे घात लगाए गिद्धों के बीच अब मै जाना नही चाहती 
पर काट दे ए मेरे खुदा ऊंचाइयों को अब मै छूना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया  में आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मे रहना नही चाहती

©sushil
#pageloveshayari #gaalibkihaveli #bpriyaSahu #Trains
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