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नारी है संसार में सकल गुणों की खान, दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती, मां अन्नपूर्णा का वरदान, नमन है उस आद्यशक्ति नारी शक्ति को हमारा, मां की ममत्व छांव में जो देती है जीवनदान। ©Sonal Panwar

#womenempowerment #कविता #narishakti  नारी है संसार में सकल गुणों की खान, 
दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती, मां अन्नपूर्णा का वरदान, 
नमन है उस आद्यशक्ति नारी शक्ति को हमारा, 
मां की ममत्व छांव में जो देती है जीवनदान।

©Sonal Panwar

नारी शक्ति👍💯💪🥰✨💫 #narishakti #womenempowerment हिंदी कविता कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं

10 Love

#Videos

My husband : Wife ki ek ankh se hi samjh jate hai 🙈 मनुष्य तो क्या भगवान भी डरते है नारी शक्ति के आगे सब झुकाते है। प्रेम है ये डर नहीं, आ

270 View

White क्या कहूं तुम्हें, तेरे किरदार अनेक, तुमसे ही इस जहान का वजूद है नेक। तुम सबसे ताकतवर, सबसे मजबूत हो, तेरे हौसलों से ही हर कोई ऊँचाई छूता है, जो। तुम न हो, तो कलाई सूनी रह जाती है, बहनों के बिना, क्या खुशियाँ मनाई जाती हैं? तुम न हो, तो ममता का अहसास कहाँ से आए, इक पिता कैसे अपने बच्चे को गले लगाए? तुम न हो, तो कामयाबी की सीढ़ी कौन चढ़े, हर जीत की कहानी तेरे बिना अधूरी पड़े। तुम्हें हर बार बेवजह शर्मिंदा किया जाता है, पर तुम फिर भी परिवार की खातिर सब सह जाती हो, हंसकर निभाती हो। अपने लिए जीना छोड़, परिवार के लिए जीती हो, जब तुम हाथ थामती हो, सपनों में रंग भरती हो। अपने सपनों की कीमत पर, दूसरों के सपनों को आकार देती हो, हर मोड़ पर जीवन को नव आकार देती हो। तुम्हारे पढ़ाए संस्कार और मूल्य अनमोल हैं, तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा और गोल है। सात फेरों के साथ इक नई दुनिया बसाती हो, अनजान शहर में भी, तुम घर सी रौशनी लाती हो। तुम्हारी ममता, हिम्मत और धैर्य की कोई मिसाल नहीं, इक औरत हो तुम, और तुम्हारे बिना ये संसार नहीं। ©Dilbag-Heart of Garden

#womanempowerment #WomenInspiration #respectforwomen #StrengthOfWomen #indianculture #familysupport  White क्या कहूं तुम्हें, तेरे किरदार अनेक,
तुमसे ही इस जहान का वजूद है नेक।
तुम सबसे ताकतवर, सबसे मजबूत हो,
तेरे हौसलों से ही हर कोई ऊँचाई छूता है, जो।

तुम न हो, तो कलाई सूनी रह जाती है,
बहनों के बिना, क्या खुशियाँ मनाई जाती हैं?
तुम न हो, तो ममता का अहसास कहाँ से आए,
इक पिता कैसे अपने बच्चे को गले लगाए?

तुम न हो, तो कामयाबी की सीढ़ी कौन चढ़े,
हर जीत की कहानी तेरे बिना अधूरी पड़े।
तुम्हें हर बार बेवजह शर्मिंदा किया जाता है,
पर तुम फिर भी परिवार की खातिर सब सह जाती हो, हंसकर निभाती हो।

अपने लिए जीना छोड़, परिवार के लिए जीती हो,
जब तुम हाथ थामती हो, सपनों में रंग भरती हो।
अपने सपनों की कीमत पर, दूसरों के सपनों को आकार देती हो,
हर मोड़ पर जीवन को नव आकार देती हो।


तुम्हारे पढ़ाए संस्कार और मूल्य अनमोल हैं,
तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा और गोल है।
सात फेरों के साथ इक नई दुनिया बसाती हो,
अनजान शहर में भी, तुम घर सी रौशनी लाती हो।


तुम्हारी ममता, हिम्मत और धैर्य की कोई मिसाल नहीं,
इक औरत हो तुम, और तुम्हारे बिना ये संसार नहीं।

©Dilbag-Heart of Garden

"नारी: शक्ति और समर्पण की मूरत"Hashtags: #narishakti #womanempowerment #StrengthOfWomen #maa #respectforwomen #familysupport #indianculture

11 Love

#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

81 View

#women_equality_day #sandeeplguru #viral  White नारी की आंखों में बसी है वो दुनिया,
जहां सपने भी अक्सर टूट जाते हैं।
पर उसने हारना सीखा नहीं,
हर दर्द में भी मुस्कान लाती है।

वो सहती है, सहती ही जाती है,
फिर भी हर मोड़ पर, आगे बढ़ती जाती है।
समानता के हक़ की जो लड़ाई है उसकी,
वो आंसुओं के संग, उसे लड़ती जाती है।

कभी बेटी, कभी माँ बनकर,
हर रिश्त में अपनी ममता भरती है।
लेकिन जब बात आती है अधिकार की,
वो अपनी आवाज़ को भी बुलंद करती है।

नारी का सम्मान ही है,
हर दिल की सच्ची कहानी।
जो आंसुओं में भी हंसकर,
समानता की मांग करती है नारी।

©Sandeep Lucky Singh

नारी है शक्ति, नारी है मान, समानता का हक़, नारी की पहचान। #sandeeplguru #viral #Nojoto #women_equality_day poetry in hindi poetr

522 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

नारी है संसार में सकल गुणों की खान, दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती, मां अन्नपूर्णा का वरदान, नमन है उस आद्यशक्ति नारी शक्ति को हमारा, मां की ममत्व छांव में जो देती है जीवनदान। ©Sonal Panwar

#womenempowerment #कविता #narishakti  नारी है संसार में सकल गुणों की खान, 
दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती, मां अन्नपूर्णा का वरदान, 
नमन है उस आद्यशक्ति नारी शक्ति को हमारा, 
मां की ममत्व छांव में जो देती है जीवनदान।

©Sonal Panwar

नारी शक्ति👍💯💪🥰✨💫 #narishakti #womenempowerment हिंदी कविता कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं

10 Love

#Videos

My husband : Wife ki ek ankh se hi samjh jate hai 🙈 मनुष्य तो क्या भगवान भी डरते है नारी शक्ति के आगे सब झुकाते है। प्रेम है ये डर नहीं, आ

270 View

White क्या कहूं तुम्हें, तेरे किरदार अनेक, तुमसे ही इस जहान का वजूद है नेक। तुम सबसे ताकतवर, सबसे मजबूत हो, तेरे हौसलों से ही हर कोई ऊँचाई छूता है, जो। तुम न हो, तो कलाई सूनी रह जाती है, बहनों के बिना, क्या खुशियाँ मनाई जाती हैं? तुम न हो, तो ममता का अहसास कहाँ से आए, इक पिता कैसे अपने बच्चे को गले लगाए? तुम न हो, तो कामयाबी की सीढ़ी कौन चढ़े, हर जीत की कहानी तेरे बिना अधूरी पड़े। तुम्हें हर बार बेवजह शर्मिंदा किया जाता है, पर तुम फिर भी परिवार की खातिर सब सह जाती हो, हंसकर निभाती हो। अपने लिए जीना छोड़, परिवार के लिए जीती हो, जब तुम हाथ थामती हो, सपनों में रंग भरती हो। अपने सपनों की कीमत पर, दूसरों के सपनों को आकार देती हो, हर मोड़ पर जीवन को नव आकार देती हो। तुम्हारे पढ़ाए संस्कार और मूल्य अनमोल हैं, तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा और गोल है। सात फेरों के साथ इक नई दुनिया बसाती हो, अनजान शहर में भी, तुम घर सी रौशनी लाती हो। तुम्हारी ममता, हिम्मत और धैर्य की कोई मिसाल नहीं, इक औरत हो तुम, और तुम्हारे बिना ये संसार नहीं। ©Dilbag-Heart of Garden

#womanempowerment #WomenInspiration #respectforwomen #StrengthOfWomen #indianculture #familysupport  White क्या कहूं तुम्हें, तेरे किरदार अनेक,
तुमसे ही इस जहान का वजूद है नेक।
तुम सबसे ताकतवर, सबसे मजबूत हो,
तेरे हौसलों से ही हर कोई ऊँचाई छूता है, जो।

तुम न हो, तो कलाई सूनी रह जाती है,
बहनों के बिना, क्या खुशियाँ मनाई जाती हैं?
तुम न हो, तो ममता का अहसास कहाँ से आए,
इक पिता कैसे अपने बच्चे को गले लगाए?

तुम न हो, तो कामयाबी की सीढ़ी कौन चढ़े,
हर जीत की कहानी तेरे बिना अधूरी पड़े।
तुम्हें हर बार बेवजह शर्मिंदा किया जाता है,
पर तुम फिर भी परिवार की खातिर सब सह जाती हो, हंसकर निभाती हो।

अपने लिए जीना छोड़, परिवार के लिए जीती हो,
जब तुम हाथ थामती हो, सपनों में रंग भरती हो।
अपने सपनों की कीमत पर, दूसरों के सपनों को आकार देती हो,
हर मोड़ पर जीवन को नव आकार देती हो।


तुम्हारे पढ़ाए संस्कार और मूल्य अनमोल हैं,
तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा और गोल है।
सात फेरों के साथ इक नई दुनिया बसाती हो,
अनजान शहर में भी, तुम घर सी रौशनी लाती हो।


तुम्हारी ममता, हिम्मत और धैर्य की कोई मिसाल नहीं,
इक औरत हो तुम, और तुम्हारे बिना ये संसार नहीं।

©Dilbag-Heart of Garden

"नारी: शक्ति और समर्पण की मूरत"Hashtags: #narishakti #womanempowerment #StrengthOfWomen #maa #respectforwomen #familysupport #indianculture

11 Love

#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

81 View

#women_equality_day #sandeeplguru #viral  White नारी की आंखों में बसी है वो दुनिया,
जहां सपने भी अक्सर टूट जाते हैं।
पर उसने हारना सीखा नहीं,
हर दर्द में भी मुस्कान लाती है।

वो सहती है, सहती ही जाती है,
फिर भी हर मोड़ पर, आगे बढ़ती जाती है।
समानता के हक़ की जो लड़ाई है उसकी,
वो आंसुओं के संग, उसे लड़ती जाती है।

कभी बेटी, कभी माँ बनकर,
हर रिश्त में अपनी ममता भरती है।
लेकिन जब बात आती है अधिकार की,
वो अपनी आवाज़ को भी बुलंद करती है।

नारी का सम्मान ही है,
हर दिल की सच्ची कहानी।
जो आंसुओं में भी हंसकर,
समानता की मांग करती है नारी।

©Sandeep Lucky Singh

नारी है शक्ति, नारी है मान, समानता का हक़, नारी की पहचान। #sandeeplguru #viral #Nojoto #women_equality_day poetry in hindi poetr

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काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

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