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New mirza ghalib shayari in urdu Status, Photo, Video

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deep poetry in urdu

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White बीज तेरे इश्क का कभी बोया ही नहीं, कमज़ोर था लेकिन कभी रोया ही नहीं। असद कहके पुकारते थे लोग मुझे, मगर मैं कभी भी शायरों की महफिलों में गया ही नहीं। ©Surkh ( سرخ )

#love_shayari #shayrilover #WrittenByMe #Ghalib  White  बीज तेरे इश्क का कभी बोया ही नहीं,
कमज़ोर था लेकिन कभी रोया ही नहीं।
असद कहके पुकारते थे लोग मुझे,
मगर मैं कभी भी शायरों की महफिलों में गया ही नहीं।

©Surkh ( سرخ )

Note : Ghalib's real name was Asadullah Kha and frome the very beginning of his writing career he wrote under the penname Asad !! later he c

15 Love

deep poetry in urdu

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White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj

#good_night  White  जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है 
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है 

मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है 

अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है 
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है 

जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर 
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है

©Rishi Raj

#good_night urdu poetry deep poetry in urdu

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deep poetry in urdu

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#WoRasta

#WoRasta urdu poetry urdu poetry deep poetry in urdu

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deep poetry in urdu

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White बीज तेरे इश्क का कभी बोया ही नहीं, कमज़ोर था लेकिन कभी रोया ही नहीं। असद कहके पुकारते थे लोग मुझे, मगर मैं कभी भी शायरों की महफिलों में गया ही नहीं। ©Surkh ( سرخ )

#love_shayari #shayrilover #WrittenByMe #Ghalib  White  बीज तेरे इश्क का कभी बोया ही नहीं,
कमज़ोर था लेकिन कभी रोया ही नहीं।
असद कहके पुकारते थे लोग मुझे,
मगर मैं कभी भी शायरों की महफिलों में गया ही नहीं।

©Surkh ( سرخ )

Note : Ghalib's real name was Asadullah Kha and frome the very beginning of his writing career he wrote under the penname Asad !! later he c

15 Love

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White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj

#good_night  White  जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है 
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है 

मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है 

अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है 
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है 

जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर 
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है

©Rishi Raj

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#WoRasta

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