White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 39) में आपका स्वागत है
!कर्मचारी--सीखा उपले पड़े हैं?
शिखा-- जी...!
कर्मचारी--जल्दी से आग जलाओ सर्दी लग रही है!
और सुनो खाना भी वहीं लेकर आना,,
दोनों जलते हुए आग के पास बैठकर खाना खाते हैं, थोड़ी बहोत बातचीत होती है! और फिर सो जाते हैं!सुबह कर्मचारी रोज की तरह ड्यूटी के लिए तैयार होता है!लेकिन नंदू के कपड़े अभी गीले थे जिसके वजह से वह, अपने क्वार्टर जाने में असमर्थ था!वह कपड़े सुखाने के लिए, आग के पास जाकार बैठ जाता है !
कर्मचारी-- नंदू मैं ड्यूटी के लिए लेट हो रहा हूं, तुम कपड़ा सूख जाने के बाद जाना ,सर्दी बहुत है!
©writer Ramu kumar
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