White *आखिर क्यों??*
अपने देश को छोड़कर
गैर देश में रहना क्यों??
इंसानियत की धज्जियां उड़ें..
ऐसे मजहब का बनना क्यों??
पहले अपने ही देश के टुकड़े करो
फिर टुकड़े के भी टुकड़े करो ..
ये कैसी देशभक्ति है???
और कैसा है?? धर्म प्रेम...
बांग्लादेश हो या हो भारत
नरसंहार करना ही क्यों??
साँसें दीं ऊपर वाले ने
मरण लिखा ऊपर वाले ने
किसको कहाँ पैदा करना है
ये भी तय किया ऊपर वाले ने
सब कुछ तो उसके वश में है
औकात पाई है कठपुतली की
फिर ,,नाहक में अकड़ना क्यों?
बन पाये तो कुछ अच्छा करो
जब तक उसने सांसें दीं ..
खैराती जीवन पाकर
उसकी सुंदर रचना को
तहस-नहस करना ही क्यों??
तहस-नहस करना ही क्यों??
तहस-नहस करना ही क्यों??
*पूरे विश्व में इतनी शक्ति किसी ने भी नहीं पाईं जो किसी को भी बिना ईश्वर की मर्जी के जान से मार सके।*
*मौत अटल है और विधाता के द्वारा ही निर्धारित है हाँ मरण कैसे होगा ये निज कर्म निर्धारित करते हैं। तो जो जैसे मर रहा है अपने ही इस जन्म या पिछले जन्मों के कर्म फल भोग रहा है।*
✍️प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश भारत
( 06 दिसंबर 2024 )
©Pratibha Dwivedi urf muskan
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here