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New बेकली बेखुदी दे गया Status, Photo, Video

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#लव

दे दो ना

117 View

#मोहब्बत #शायरी

#मोहब्बत बना दे

234 View

#शायरी #poetryunplugged

#poetryunplugged करने दे न ...

162 View

, 5ए वक्त इतनी जल्दी क्या हैं थोड़ा रुक जाया कर ज़ब तक होश सम्हालता हुँ देर हो जाती हैं पता नहीं तू जल्दी मे हैं या फिर मैं धीमा हुँ चलो कोई बात नहीं क्या हुआ जो तू आगे निकल गया थोड़ी देर से सही आऊंगा मैं लेकिन वक्त तो दे जिससे खुद क़ो सम्हाल पाऊं हां सम्हाल पाऊ ©ranjit Kumar rathour

#कविता  , 5ए वक्त इतनी जल्दी क्या हैं 
थोड़ा रुक जाया कर 
ज़ब तक होश सम्हालता हुँ 
देर हो जाती हैं 
पता नहीं तू जल्दी मे हैं 
या फिर मैं धीमा हुँ 
चलो कोई बात नहीं क्या हुआ 
जो तू आगे निकल गया 
थोड़ी देर से सही आऊंगा मैं 
लेकिन वक्त तो दे 
जिससे खुद क़ो सम्हाल पाऊं 
हां सम्हाल पाऊ

©ranjit Kumar rathour

थोड़ा वक्त तो दे

11 Love

जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया, वो मेरे सपने में आकर सबसे सुंदर रात दे गया, उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था, अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया, अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती, भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया, पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले, मेरे हिस्से में आकर वो मुझको भी औक़ात दे गया, साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन, ऐसे में आकर निर्मोही कपटी मन को घात दे गया, ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को, दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया, कैसे कहूँ मुकद्दर मेरे साथ नहीं चलता 'गुंजन', हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #ख़ुशी  जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया,
वो  मेरे  सपने  में  आकर  सबसे सुंदर रात दे गया,

उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था,
अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया,

अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती,
भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया,

पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले,
मेरे हिस्से में आकर वो  मुझको भी औक़ात दे गया,

साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन,
ऐसे में आकर निर्मोही  कपटी मन को  घात दे गया, 

ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को,
दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया,

कैसे कहूँ  मुकद्दर मेरे  साथ नहीं चलता 'गुंजन',
हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़ुशी भरी सौगात दे गया#

13 Love

#मोटिवेशनल

टूटने ना दे

189 View

#लव

दे दो ना

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#मोहब्बत #शायरी

#मोहब्बत बना दे

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#शायरी #poetryunplugged

#poetryunplugged करने दे न ...

162 View

, 5ए वक्त इतनी जल्दी क्या हैं थोड़ा रुक जाया कर ज़ब तक होश सम्हालता हुँ देर हो जाती हैं पता नहीं तू जल्दी मे हैं या फिर मैं धीमा हुँ चलो कोई बात नहीं क्या हुआ जो तू आगे निकल गया थोड़ी देर से सही आऊंगा मैं लेकिन वक्त तो दे जिससे खुद क़ो सम्हाल पाऊं हां सम्हाल पाऊ ©ranjit Kumar rathour

#कविता  , 5ए वक्त इतनी जल्दी क्या हैं 
थोड़ा रुक जाया कर 
ज़ब तक होश सम्हालता हुँ 
देर हो जाती हैं 
पता नहीं तू जल्दी मे हैं 
या फिर मैं धीमा हुँ 
चलो कोई बात नहीं क्या हुआ 
जो तू आगे निकल गया 
थोड़ी देर से सही आऊंगा मैं 
लेकिन वक्त तो दे 
जिससे खुद क़ो सम्हाल पाऊं 
हां सम्हाल पाऊ

©ranjit Kumar rathour

थोड़ा वक्त तो दे

11 Love

जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया, वो मेरे सपने में आकर सबसे सुंदर रात दे गया, उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था, अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया, अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती, भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया, पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले, मेरे हिस्से में आकर वो मुझको भी औक़ात दे गया, साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन, ऐसे में आकर निर्मोही कपटी मन को घात दे गया, ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को, दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया, कैसे कहूँ मुकद्दर मेरे साथ नहीं चलता 'गुंजन', हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #ख़ुशी  जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया,
वो  मेरे  सपने  में  आकर  सबसे सुंदर रात दे गया,

उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था,
अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया,

अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती,
भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया,

पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले,
मेरे हिस्से में आकर वो  मुझको भी औक़ात दे गया,

साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन,
ऐसे में आकर निर्मोही  कपटी मन को  घात दे गया, 

ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को,
दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया,

कैसे कहूँ  मुकद्दर मेरे  साथ नहीं चलता 'गुंजन',
हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़ुशी भरी सौगात दे गया#

13 Love

#मोटिवेशनल

टूटने ना दे

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