White अब लोग मुझे वैसे ही नज़र आते हैं और समझ आते हैं
जैसा वो ख़ुद को ज़ाहिर करते हैं।
जो नज़र आता है वो वैसा ही हो ये ज़रूरी नहीं,
ये बात तो मैं भी समझती हूॅं लेकिन
कौन क्या है और कैसा है,ये सोचने में ,
मैं अब अपना वक़्त ज़ाया नहीं करती ।
कौन अच्छा,कौन बुरा, हद से ज़्यादा गहराई में जा कर
अब मैं हर एक को नहीं परखती ।
क्यूॅंकि लोगों के दिल में जो होता है अक्सर वही
उनके बरताव और बातों में झलकता है,
ये बात भी तो ग़लत नहीं होती ।
और लोग दिखावा कर भी रहे हों अगर तब भी
किसी दिन थक जाते हैं अपने ही दिखावे से,
दिखावे की दुनिया ज़्यादा देर तक नहीं टिकती।
हर वो इंसान अच्छा नज़र आता है मुझे,
जो मेरे साथ अच्छाई से पेश आता है,
और अच्छाई का बदला मैं कभी बुराई से नहीं देती ।
लोग किस के साथ कैसा त'अल्लुक़ निभाते हैं
इस बात से मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता लेकिन,
चाहे अच्छा हो या बुरा, मेरे साथ लोगों का बरताव
मैं कभी नहीं भूलती ।
©Sh@kila Niy@z
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