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#शायरी #तेरी #चला #गया #तू

#तू #चला #गया #पर #तेरी खुशबू छोड़ गया

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लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Mountains  लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने,
टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने।
जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं,
उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने।

बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा,
हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने।
पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर,
मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान

12 Love

पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो। तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो, खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो। दुनिया का बोझ जितना संभालोगे, खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे। जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा, जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा। अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें,
सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें।

बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो,
झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो।

तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो,
खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो।

दुनिया का बोझ जितना संभालोगे,
खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे।

जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा,
जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा।

अपने अंदर समंदर सा सुकून रख,
ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख।

जो भीड़ के साथ चला, खो गया,
जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु

14 Love

अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

10 Love

#शायरी #तेरी #चला #गया #तू

#तू #चला #गया #पर #तेरी खुशबू छोड़ गया

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लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Mountains  लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने,
टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने।
जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं,
उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने।

बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा,
हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने।
पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर,
मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान

12 Love

पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो। तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो, खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो। दुनिया का बोझ जितना संभालोगे, खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे। जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा, जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा। अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें,
सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें।

बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो,
झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो।

तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो,
खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो।

दुनिया का बोझ जितना संभालोगे,
खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे।

जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा,
जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा।

अपने अंदर समंदर सा सुकून रख,
ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख।

जो भीड़ के साथ चला, खो गया,
जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु

14 Love

अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

10 Love

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