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White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२ मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा, इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३ कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४ खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना, इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना// तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६ "शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७ #Shsmawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawtitesBebaak #Shsmawtitesbebaak #writersofindia #loveshayari #sadShayari  White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना
 के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१

गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस 
दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२

मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा,
इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३

कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब
मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४

खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना,
इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना//

तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ
किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६

"शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद
बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७
#Shsmawtitesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी

14 Love

White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #love_shayari #Light  White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर
है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१

है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है,
इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२

जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो
अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३

वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं,
इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४

इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है,
जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५

अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है,
रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६

ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है ,
जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७

ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना
बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८

इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस 
मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९

तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम,
के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१०
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द

20 Love

#नयावद्उमानाथपादारविन्दम् #श्रीशिवरुद्राष्टकम् #हरहरमहादेव #devotionally_spiritually_taru #कवितावाचक #भक्ति

वास्तविक आवाज शीर्षक न यावद् उमानाथपादारविन्दम् श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक

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#shamawritesBebaak #love_shayari  White तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब
 ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१ 

मै गम ए शनास तेरे अदब मे*अज़ीयत सहती रही
     अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२

मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए,
के अब इसमे बची तिरि कुछ  हकीकत भी नहीं है//३

तर्के ताल्लुक से मिरी बर्बादी तो तिरे सरपे होगी,तूने
      हैरान किया इतना,अब मिल्लत की जरूरत भी नहीं है//४

गर चुप रही तेरे तशद्दूद पे तो मुझे मिरि अना मार देगी,
अब अदल करने मे रत्तीभर तिरि हिम्मत भी नहीं है//५

मेरे एह्बाब् ने विरसे का करके किस्सा तमाम,अब्
      मुझे कहते है विरासत मे तिरी कोई शिर्कत भी नहीं है//६ 

आदत बदल लेगा तु बदसलुकी की,इस आस मे उम्र तमाम की,
 तुझमे दिखती *हुस्नेसलूक की वो पहली सी झलक भी नहीं है//७

"शमा"साथ रह्ते हुए,जब हो जाए खत्म,एहसासे कुर्बत,
तो अब मान ही लो के ऐसी कुर्बत मे उल्फत भी नहीं है//८
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास मै गम ए शनास तेरे अदब म

225 View

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३ करो खूब बेटी सदा नाम जग में । यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४ महादेव लाए घड़ी वह सुहानी । कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५ कली बाग की तुम हमारी हो पहली । तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६ खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा । खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७ १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ #शायरी #ग़ज़ल  #ग़ज़ल :-
#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_
शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१
खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२
हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३
करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४
महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५
कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६
खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७
१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों

16 Love

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #shayarilover #urdupoetry #Sad_shayri  White ©हमने परिंदो के चमन को उजड़ते देखा,समंदर ए साहिल पे,तिश्नगी में मरते देखा//१
                            
अपने गमजे छुपाकर उसे मैने हंँसते देखा,यानि एक जिंदा दिल को घुटकर मरते देखा//२
                          
बागबा को पैरो से गुलों को मसलते देखा,हमने सब्जे शजर को उखड़ते देखा//३

मिन्नते बहुत की उसने उल्फते-वस्ल् की,हमने
उल्फते वस्ल को हिज़्र में तड़पते देखा//४

माना नशा ए इश्क बहुत बुरी लत है,हमने इश्के लत को हर उम्र में चढते देखा/५
         
ऐ इब्न् आदम इतना मगरूर ना हो इस जवानी पर,हमनें हर जवानी को बुढ़ापे में ढलते देखा//६

एतबार ना करना चांद से मेहबूब पर"शमा"ने ईद के चांद को भी अर्श में छुपते देखा//७
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Sad_shayri ©हमने परिंदो के चमन को उजड़ते देखा,समंदर ए साहिल पे,तिश्नगी में मरते देखा//१ अपने गमजे छुपाकर उसे म

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White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२ मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा, इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३ कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४ खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना, इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना// तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६ "शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७ #Shsmawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawtitesBebaak #Shsmawtitesbebaak #writersofindia #loveshayari #sadShayari  White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना
 के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१

गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस 
दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२

मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा,
इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३

कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब
मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४

खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना,
इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना//

तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ
किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६

"शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद
बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७
#Shsmawtitesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी

14 Love

White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #love_shayari #Light  White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर
है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१

है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है,
इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२

जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो
अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३

वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं,
इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४

इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है,
जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५

अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है,
रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६

ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है ,
जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७

ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना
बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८

इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस 
मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९

तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम,
के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१०
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द

20 Love

#नयावद्उमानाथपादारविन्दम् #श्रीशिवरुद्राष्टकम् #हरहरमहादेव #devotionally_spiritually_taru #कवितावाचक #भक्ति

वास्तविक आवाज शीर्षक न यावद् उमानाथपादारविन्दम् श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक

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#shamawritesBebaak #love_shayari  White तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब
 ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१ 

मै गम ए शनास तेरे अदब मे*अज़ीयत सहती रही
     अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२

मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए,
के अब इसमे बची तिरि कुछ  हकीकत भी नहीं है//३

तर्के ताल्लुक से मिरी बर्बादी तो तिरे सरपे होगी,तूने
      हैरान किया इतना,अब मिल्लत की जरूरत भी नहीं है//४

गर चुप रही तेरे तशद्दूद पे तो मुझे मिरि अना मार देगी,
अब अदल करने मे रत्तीभर तिरि हिम्मत भी नहीं है//५

मेरे एह्बाब् ने विरसे का करके किस्सा तमाम,अब्
      मुझे कहते है विरासत मे तिरी कोई शिर्कत भी नहीं है//६ 

आदत बदल लेगा तु बदसलुकी की,इस आस मे उम्र तमाम की,
 तुझमे दिखती *हुस्नेसलूक की वो पहली सी झलक भी नहीं है//७

"शमा"साथ रह्ते हुए,जब हो जाए खत्म,एहसासे कुर्बत,
तो अब मान ही लो के ऐसी कुर्बत मे उल्फत भी नहीं है//८
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास मै गम ए शनास तेरे अदब म

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#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३ करो खूब बेटी सदा नाम जग में । यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४ महादेव लाए घड़ी वह सुहानी । कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५ कली बाग की तुम हमारी हो पहली । तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६ खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा । खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७ १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ #शायरी #ग़ज़ल  #ग़ज़ल :-
#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_
शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१
खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२
हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३
करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४
महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५
कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६
खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७
१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों

16 Love

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #shayarilover #urdupoetry #Sad_shayri  White ©हमने परिंदो के चमन को उजड़ते देखा,समंदर ए साहिल पे,तिश्नगी में मरते देखा//१
                            
अपने गमजे छुपाकर उसे मैने हंँसते देखा,यानि एक जिंदा दिल को घुटकर मरते देखा//२
                          
बागबा को पैरो से गुलों को मसलते देखा,हमने सब्जे शजर को उखड़ते देखा//३

मिन्नते बहुत की उसने उल्फते-वस्ल् की,हमने
उल्फते वस्ल को हिज़्र में तड़पते देखा//४

माना नशा ए इश्क बहुत बुरी लत है,हमने इश्के लत को हर उम्र में चढते देखा/५
         
ऐ इब्न् आदम इतना मगरूर ना हो इस जवानी पर,हमनें हर जवानी को बुढ़ापे में ढलते देखा//६

एतबार ना करना चांद से मेहबूब पर"शमा"ने ईद के चांद को भी अर्श में छुपते देखा//७
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Sad_shayri ©हमने परिंदो के चमन को उजड़ते देखा,समंदर ए साहिल पे,तिश्नगी में मरते देखा//१ अपने गमजे छुपाकर उसे म

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