Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर | हिंदी Shayari

"Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२ कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत, वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३ तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल, यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४ तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं, सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६ लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की, सुकून वालों को ही हैरानियां है//७ #Shamawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर"

 Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है,
जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१

नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,
तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२

कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत,
वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३

तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल,
यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४

तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं,
    सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५

न बन पाये जो तु मेरा कभी भी,
मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६

लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की,
सुकून वालों को ही हैरानियां है//७
#Shamawtitesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२ कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत, वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३ तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल, यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४ तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं, सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६ लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की, सुकून वालों को ही हैरानियां है//७ #Shamawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#library #nojoto
चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१

नोंचता है क्यूं गुलों को बनके
गुल्ची,तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२

कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत,वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३

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