Unsplash हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके,
कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं।
सोचता हूं अक्सर, प्यार से भरी बातें उसकी,
अक्सर सोचकर, उसे मैं मुस्कुराता हूं।
बावली है थोड़ी, और चंचल सी यादें हैं उसकी,
कभी-कभी दिन के ख्वाबों में मैं खो जाता हूं।
मनमुग्ध सी मुस्कुराहट है होठों पर उसके,
मैं अक्सर गहरी काली आंखों में डूब जाता हूं।
होठों के तिल, खूबसूरती में चांद लगाते हैं उसके,
देखकर अक्सर उसे, खुशी से झूम सा जाता हूं।
खूबसूरत और प्यारे एहसासों से भरी है वो,
मैं उसकी गहरी बातों में अक्सर खो जाता हूं।
©theABHAYSINGH_BIPIN
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