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कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #समय  कभी गाड़ी पर नाव
कभी नाव पर गाड़ी
वक्त बदलते ही राजा
बनता कोई कबाड़ी

समय बहुत बलवान है
सबको नाच नचाए
सारी दुनिया को अपने
कदमों तले झुकाए

बाजी पल में पलट दे
हारा बने विजेता
खुशी बाँटता कभी यह
कभी छीन है लेता

बेखुद कहता है खुद पर
करिए नहीं घमंड
वर्ना आज नहीं तो कल
मिलेगा इसका दंड

(समय)

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#समय

12 Love

#विचार #समय

#समय समय की बात है

126 View

#विचार   मैं कसम खाती हूँ की  मैं कसम खाती हूं कि मैं आपके अकेलेपन में साथी, दुःख में हमसफर और महत्वपूर्ण समय में जब आपको मेरी जरूरत हो तो जीवनसाथी बनके अपने कर्तव्य को पूरा करूंगी।

©Satish Kumar Meena

मैं कसम खाती हूं

135 View

White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं। जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं। दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर, सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं। कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ, सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं। घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर, घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं। शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर, जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं। ।।पुष्पेश्वर तिवारी।। ©Pushpeshwar Tiwari

#कविता  White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं।
जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं।
दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर,
सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं।
कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ,
सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं।
घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर,
घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं।
शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर,
जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं।

                      ।।पुष्पेश्वर तिवारी।।

©Pushpeshwar Tiwari

समय

6 Love

#वीडियो

समय

108 View

#pitandru

आपकी कसम 😀😁 #Comedy #pitandru

153 View

कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #समय  कभी गाड़ी पर नाव
कभी नाव पर गाड़ी
वक्त बदलते ही राजा
बनता कोई कबाड़ी

समय बहुत बलवान है
सबको नाच नचाए
सारी दुनिया को अपने
कदमों तले झुकाए

बाजी पल में पलट दे
हारा बने विजेता
खुशी बाँटता कभी यह
कभी छीन है लेता

बेखुद कहता है खुद पर
करिए नहीं घमंड
वर्ना आज नहीं तो कल
मिलेगा इसका दंड

(समय)

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#समय

12 Love

#विचार #समय

#समय समय की बात है

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#विचार   मैं कसम खाती हूँ की  मैं कसम खाती हूं कि मैं आपके अकेलेपन में साथी, दुःख में हमसफर और महत्वपूर्ण समय में जब आपको मेरी जरूरत हो तो जीवनसाथी बनके अपने कर्तव्य को पूरा करूंगी।

©Satish Kumar Meena

मैं कसम खाती हूं

135 View

White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं। जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं। दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर, सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं। कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ, सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं। घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर, घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं। शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर, जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं। ।।पुष्पेश्वर तिवारी।। ©Pushpeshwar Tiwari

#कविता  White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं।
जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं।
दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर,
सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं।
कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ,
सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं।
घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर,
घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं।
शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर,
जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं।

                      ।।पुष्पेश्वर तिवारी।।

©Pushpeshwar Tiwari

समय

6 Love

#वीडियो

समय

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#pitandru

आपकी कसम 😀😁 #Comedy #pitandru

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