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Unsplash किताबों के साथ - साथ आंखों को भी पढ़ने का हुनर रखिए । क्योंकि चेहरे गुमराह कर सकती है मगर आँखें नहीं । ©Tripurari Pandey

#विचार  Unsplash किताबों के साथ - साथ
आंखों को भी पढ़ने का हुनर रखिए ।
क्योंकि चेहरे गुमराह कर सकती है मगर आँखें नहीं ।

©Tripurari Pandey

सच्ची बात

13 Love

Unsplash आपके जो सबसे दिल के करीब लोग होंगे वो कोई गैर होंगे वहीं आपके जो सबसे दिल के दूर के लोग होंगे वो कोई अपने होंगे । ©Tripurari Pandey

#विचार  Unsplash आपके जो सबसे दिल के करीब लोग होंगे वो कोई गैर होंगे 
वहीं आपके जो सबसे दिल  के दूर के लोग होंगे वो कोई अपने होंगे ।

©Tripurari Pandey

सच्ची बात

15 Love

आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिन  आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

10 Love

White अपने आप को मुक्ति दीजिए थोड़ी सी चिंता से ... और किस किस बात से देना चाहते हैं आप खुद को मुक्ति ©neelu

#love_shayari #बात #Bhakti  White अपने आप को मुक्ति दीजिए 
थोड़ी सी चिंता से ...
और किस किस बात से देना चाहते हैं
 आप खुद को मुक्ति

©neelu

कभी मिलने आता नहीं ये और बात है वो दिल से जाता नहीं ये और बात है मर्ज-ए-इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से तुझे नज़र आता नहीं ये और बात है है तो कुछ और ही तेरे दिल में मगर जुबाँ तक आता नहीं ये और बात है रौनक़ मकाँ की उसके होने से है वो कुछ कमाता नहीं ये और बात है पलकें बिछा रख्खी है उसकी राहों में वो आता जाता नहीं ये और बात है हाले दिल बताता है अंदाज-ए-शेर में वो पर्दा उठाता नहीं ये और बात है हमारे लिये तड़प उन आँखों में खूब है वो सच बताता नहीं ये और बात है ©अज्ञात

#शायरी #बात  कभी मिलने आता नहीं ये और बात है 
वो दिल से जाता नहीं ये और बात है 

मर्ज-ए-इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से 
तुझे नज़र आता नहीं ये और बात है 

है तो कुछ और ही तेरे दिल में मगर 
जुबाँ तक आता नहीं ये और बात है 

रौनक़ मकाँ की उसके होने से है 
वो कुछ कमाता नहीं ये और बात है 

पलकें बिछा रख्खी है उसकी राहों में 
वो आता जाता नहीं ये और बात है 

हाले दिल बताता है अंदाज-ए-शेर में 
वो पर्दा उठाता नहीं ये और बात है 

हमारे लिये तड़प उन आँखों में खूब है 
वो सच बताता नहीं ये और बात है

©अज्ञात

#बात

20 Love

White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep

#sad_dp  White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

9 Love

Unsplash किताबों के साथ - साथ आंखों को भी पढ़ने का हुनर रखिए । क्योंकि चेहरे गुमराह कर सकती है मगर आँखें नहीं । ©Tripurari Pandey

#विचार  Unsplash किताबों के साथ - साथ
आंखों को भी पढ़ने का हुनर रखिए ।
क्योंकि चेहरे गुमराह कर सकती है मगर आँखें नहीं ।

©Tripurari Pandey

सच्ची बात

13 Love

Unsplash आपके जो सबसे दिल के करीब लोग होंगे वो कोई गैर होंगे वहीं आपके जो सबसे दिल के दूर के लोग होंगे वो कोई अपने होंगे । ©Tripurari Pandey

#विचार  Unsplash आपके जो सबसे दिल के करीब लोग होंगे वो कोई गैर होंगे 
वहीं आपके जो सबसे दिल  के दूर के लोग होंगे वो कोई अपने होंगे ।

©Tripurari Pandey

सच्ची बात

15 Love

आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिन  आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

10 Love

White अपने आप को मुक्ति दीजिए थोड़ी सी चिंता से ... और किस किस बात से देना चाहते हैं आप खुद को मुक्ति ©neelu

#love_shayari #बात #Bhakti  White अपने आप को मुक्ति दीजिए 
थोड़ी सी चिंता से ...
और किस किस बात से देना चाहते हैं
 आप खुद को मुक्ति

©neelu

कभी मिलने आता नहीं ये और बात है वो दिल से जाता नहीं ये और बात है मर्ज-ए-इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से तुझे नज़र आता नहीं ये और बात है है तो कुछ और ही तेरे दिल में मगर जुबाँ तक आता नहीं ये और बात है रौनक़ मकाँ की उसके होने से है वो कुछ कमाता नहीं ये और बात है पलकें बिछा रख्खी है उसकी राहों में वो आता जाता नहीं ये और बात है हाले दिल बताता है अंदाज-ए-शेर में वो पर्दा उठाता नहीं ये और बात है हमारे लिये तड़प उन आँखों में खूब है वो सच बताता नहीं ये और बात है ©अज्ञात

#शायरी #बात  कभी मिलने आता नहीं ये और बात है 
वो दिल से जाता नहीं ये और बात है 

मर्ज-ए-इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से 
तुझे नज़र आता नहीं ये और बात है 

है तो कुछ और ही तेरे दिल में मगर 
जुबाँ तक आता नहीं ये और बात है 

रौनक़ मकाँ की उसके होने से है 
वो कुछ कमाता नहीं ये और बात है 

पलकें बिछा रख्खी है उसकी राहों में 
वो आता जाता नहीं ये और बात है 

हाले दिल बताता है अंदाज-ए-शेर में 
वो पर्दा उठाता नहीं ये और बात है 

हमारे लिये तड़प उन आँखों में खूब है 
वो सच बताता नहीं ये और बात है

©अज्ञात

#बात

20 Love

White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep

#sad_dp  White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

9 Love

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