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#উদ্ধৃতি #Man  we have must have the motto is one to plant ☘️ one

©Basanti Shasmal

#Man and nature

135 View

White *प्यारा मास बसंत* जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर। बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर। नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी। रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी। देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग। सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।। दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान। कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान। गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती। पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती। देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती। देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।। बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग। भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग। गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता। कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता। झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत। ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #springpoem #Beauty #Nature #Friend  White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

White प्यारा मास बसंत वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #NatureBeauty #Nature #Spring #poem  White प्यारा मास बसंत 

वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी
बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी
माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही
प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही
प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही
चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही
इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं
सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं
मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है
मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है
सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

       स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                       उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

White *मनभावन न्यारा मधुमास होता है* नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #Nature #Spring #poem  White 

     *मनभावन न्यारा मधुमास होता है*

नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है 
खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है
प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं
मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं
चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन
बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन
सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है 
बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है 
माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है
हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है
इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता
माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता
विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                         उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari
#environment

पर्यावरण #environment

144 View

#environment #village #Beauty #Nature #Videos

#Beauty of Village #Nature #hd videos #village #environment #love #House

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#উদ্ধৃতি #Man  we have must have the motto is one to plant ☘️ one

©Basanti Shasmal

#Man and nature

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White *प्यारा मास बसंत* जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर। बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर। नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी। रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी। देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग। सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।। दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान। कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान। गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती। पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती। देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती। देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।। बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग। भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग। गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता। कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता। झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत। ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #springpoem #Beauty #Nature #Friend  White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

White प्यारा मास बसंत वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #NatureBeauty #Nature #Spring #poem  White प्यारा मास बसंत 

वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी
बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी
माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही
प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही
प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही
चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही
इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं
सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं
मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है
मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है
सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

       स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                       उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

White *मनभावन न्यारा मधुमास होता है* नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari

#कविता #Nature #Spring #poem  White 

     *मनभावन न्यारा मधुमास होता है*

नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है 
खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है
प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं
मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं
चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन
बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन
सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है 
बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है 
माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है
हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है
इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता
माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता
विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                         उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari
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पर्यावरण #environment

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