झूठी तुम्हारी कसमें, झूठे तुम्हारे वास्ते,
बड़ी जल्दी टूट जाते रिश्ते तुम्हारे कांच के।
ये कांच वाले रिश्ते ज्यादा वक्त नहीं टिकते।
टिकेंगे कैसे?
धोखेबाज़ वाली इनकी सोच।
दिखेंगे कैसे
ज़िंदगी भर साथ देने वाले,
दिल के करीब और पास रहने वाले।
वो औरों से अलग होते हैं,
तुम्हारी खुशी में हंसते हैं,
और ग़म में रोते हैं।
बोलेंगे मोहब्बत एक से बातें करते, अनेक से।
बचें कौन लोग बाज़ारो जिन्हें ये ना देखते।
क्योंकि ये लॉयल नहीं,
लेयर हैं सच्चे प्यार से।
आंखें ना मिला पाएं।
इसीलिए तो ये कायर हैं।
भरोसा जल्दी मत कर,
फिर से गलती मत कर।
आज़मा ले पहले।
धोखा मिला तो रह जाएगा
फिर से अकेले।
तू वफादार है, पर वो नहीं।
तू प्यार के पीछे ना जा।
शायद तेरे नसीब में वो हो नहीं।,
©Asif Usmani
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